लॉकडाउन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प, जनभागीदारी से कोरोना की दूसरी लहर के तूफान को समाप्त करेंगे: मोदी

punjabkesari.in Tuesday, Apr 20, 2021 - 11:31 PM (IST)

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) देश में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के ताजा मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इस महामारी से मुकाबले के लिए लॉकडाउन का इस्तेमाल ‘‘अंतिम विकल्प’’ के रूप में होना चाहिए।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने लोगों का जीवन बचाने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आजीविका को ‘‘कम से कम’’ प्रभावित करने पर जोर दिया और राज्यों से आग्रह किया कि वह श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें तथा उन्हें पलायन करने से रोकने के उपाय करें।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की संभावना को भी खारिज किया और साथ ही राज्यों को भी इससे बचने की सलाह दी।

कोरोना से लड़ते-लड़ते अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजन के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना के खिलाफ देश आज एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। कुछ सप्ताह पहले तक स्थितियां संभली हुई थीं और फिर यह कोरोना की दूसरी लहर तूफान बन कर आ गई है। जो पीड़ा आपने सही है या जो पीड़ा आप सह रहे हैं उसका मुझे पूरा अहसास है।’’
प्रधानमंत्री का संबोधन ऐसे समय हुआ जब भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,59,170 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 20 लाख से अधिक होने तथा 1,761 और लोगों की मौत के बाद कई राज्यों ने आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का विकल्प चुना है।

दिल्ली के बाद झारखंड ने भी 22 अप्रैल से एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। महाराष्ट्र ने भी ऐसे ही कदम उठाने के संकेत दिये हैं। तेलंगाना ने रात्रि कर्फ्यू का ऐलान किया है जबकि उत्तर प्रदेश ने सप्ताहांत लॉकडाउन का आदेश दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ अब तक देश ने बहुत मजबूती और बहुत धैर्य से लड़ाई लड़ी है और वर्तमान चुनौती को सभी को मिलकर ‘‘संकल्प, हौसले और तैयारी’’ के साथ पार करना है।

कोविड-19 के खिलाफ पहली लहर में जीत का श्रेय देशवासियों को देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अनुशासन और धैर्य के साथ कोरोना से लड़ते हुए आप देश को यहां तक लाए हैं। मुझे विश्वास है कि जनभागीदारी की ताकत से हम कोरोना के इस तूफान को भी समाप्त कर पाएंगे।’’
अपने 20 मिनट के संबोधन में मोदी ने देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की संभावना को फिलहाल के लिए खारिज करते हुए कहा कि आज की स्थिति में देश को लॉकडाउन से बचाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वह लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है और सूक्ष्म निषिद्ध क्षेत्रों पर ही ध्यान केंद्रित करना है।’’
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया जाता है तो लॉकडाउन की आवश्यकता से बचा जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे हम अपनी अर्थव्यवस्था की सेहत भी सुधार लेंगे और देशवासियों की सेहत का भी ध्यान रखेंगे।’’
पिछले कुछ दिनों में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मौजूदा स्थितियों में सुधार की उम्मीद जताई।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी का प्रयास, जीवन बचाने के लिए तो है ही, प्रयास ये भी है कि आर्थिक गतिविधियां और आजीविका, कम से कम प्रभावित हों।’’

कुछ राज्यों से श्रमिकों के पलायन की ओर परोक्ष संकेत करते हुए उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें और उनसे आग्रह करें कि वे जहां हैं, वहीं रहें।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों द्वारा दिया गया ये भरोसा उनकी बहुत मदद करेगा कि वो जिस शहर में हैं वहीं पर अगले कुछ दिनों में टीका भी लगेगा और उनका काम भी बंद नहीं होगा।’’
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद राजधानी से मजदूरों का पलायन आरंभ हो गया। सोमवार को राजधानी के विभिन्न रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए और अपने घरों को लौटने लगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार कोरोना संकट में देश के अनेक हिस्से में ऑक्सीजन की मांग बहुत ज्यादा बढ़ी है और इसे देखते हुए तेजी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, निजी क्षेत्र सभी की पूरी कोशिश है कि हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन मिले। ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए भी कई स्तरों पर उपाय किए जा रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने बताया कि राज्यों में नए ऑक्सीजन संयंत्र लगाने से लेकर एक लाख नए सिलेंडर पहुंचाने, औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल हो रही ऑक्सीजन के चिकित्सकीय इस्तेमाल सहित इस दिशा में हर प्रयास किया जा रहा है।

भारत में विकसित कोविड-19 रोधी टीकों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक करके बहुत कम समय में इन्हें विकसित किया है और उनकी ही बदौलत दुनिया का सबसे सस्ता टीका देश में उपलब्ध है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक संयुक्त प्रयास है जिसके कारण दो घरेलू टीकों के साथ देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो पाया। टीकाकरण के पहले चरण से ही गति के साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों तक, जरूरतमंद लोगों तक टीके पहुंचे।’’
उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे तेजी से भारत में पहले 10 करोड़, फिर 11 करोड़ और अब 12 करोड़ टीकों की खुराक दी गई है।

एक मई से 18 वर्ष से अधिक के लोगों के टीकाकरण के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब भारत में जो टीके बनेंगे उसका आधा हिस्सा सीधे राज्यों और अस्पतालों को भी मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘टीकाकरण को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के लोगों के लिए शुरू करने से शहरों में जो काम करने वाले लोग हैं, उन्हें तेजी से टीके उपलब्ध होंगे।’’
प्रधानमंत्री ने युवाओं से अनुरोध किया कि वह अपनी-अपनी सोसायटी, मोहल्ले, इमारतों में छोटी-छोटी समितियां बनाएं और कोविड से बचाव के उपायों से संबंधित अनुशासन का पालन करवाने में मदद करे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा करेंगे तो सरकारों को ना तो निषिद्ध क्षेत्र बनाने की जरुरत पड़ेगी, ना ही कर्फ़्यू लगाने की और ना ही लॉकडाउन लगाने की जरुरत पड़ेगी।’’
उन्होंने बच्चों से घर में ऐसा माहौल बनाने का अनुरोध किया ताकि बिना काम, बिना कारण घर के लोग बाहर न निकलें।

उन्होंने कहा, ‘‘आपकी जिद बहुत बड़ा परिणाम ला सकती है।’’


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