‘‘भारी रिक्तियों के कारण उच्च न्यायालयों की स्थिति संकटपूर्ण’’

punjabkesari.in Tuesday, Apr 20, 2021 - 09:17 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) सर्वोच्च अदालत ने उच्च न्यायालयों में "संकटपूर्ण स्थिति" को लेकर मंगलवार को चिंता व्यक्त की जहां न्यायाधीशों के 40-50 प्रतिशत पद रिक्त हैं। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि अगर कॉलेजियम अपनी सिफारिशों को सर्वसम्मति से दोहराता है तो केंद्र को तीन-चार सप्ताह के भीतर न्यायाधीशों की नियुक्ति कर देनी चाहिए।

प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समयसीमा पर जोर देते हुए प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र को उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा नामों की सिफारिश किए जाने के तुरंत बाद नियुक्ति करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। पीठ ने कहा कि यदि सरकार को "उपयुक्तता या सार्वजनिक हित" में कोई आपत्ति है, तो वह इसे आपत्ति के विशिष्ट कारणों के साथ वापस कॉलेजियम को भेज सकता है।

पीठ में न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं।

पीठ ने कहा कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) को उच्च न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिश की तारीख से चार से छह सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश केंद्र सरकार को पेश कर देनी चाहिए।

पीठ ने कहा कि यह वांछनीय होगा कि केंद्र राज्य सरकार की राय और आईबी से रिपोर्ट मिलने की तारीख से आठ से 12 सप्ताह के भीतर सर्वोच्च अदालत को फाइलें व सिफारिशें भेज दे।

उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के संबंध में कहा था कि 1,080 न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों के बीच 664 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है और 464 न्यायाधीशों के पद रिक्त हैं।

पीठ ने कहा, “उच्च न्यायालय संकट की स्थिति में हैं। उच्च न्यायालयों में करीब 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं और कई उच्च न्यायालय 50 प्रतिशत से भी कम क्षमता के साथ काम कर रहे हैं। ”


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PTI News Agency

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