संयुक्त राष्ट्र सतत विकास रूपरेखा के व्यापक मूल्यांकन की जरूरत: राजीव कुमार

punjabkesari.in Tuesday, Apr 20, 2021 - 08:16 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की सतत विकास रूपरेखा (2018-22) के स्वतंत्र और व्यापक मूल्यांकन की जरूरत बतायी। साथ ही उन्होंने विभिन्न पक्षों को लेकर 2023-27 के लिये नई विकास सहयोग व्यवस्था बनाने की बात कही।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास रूपरेखा (2018-22) के लिये संयुक्त संचालन समिति की बैठक को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए यह बात कही।
नीति आयोग ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने संयुक्त राष्ट्र की सतत विकास रूपरेखा (2018-22) के स्वतंत्र और व्यापक मूल्यांकन के महत्व पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने विभिन्न पक्षों खासकर राज्यों को जोड़कर 2023-27 के लिये नई विकास सहयोग रूपरेखा बनाने की बात कही।’’
इसी कार्यक्रम में नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने भारत में पोषण चुनौती के समाधान और आहार के खाद्य घटकों पर फिर से ध्यान देने के लिए एक बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित किया।

नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने नीतिगत दृष्टिकोण के लिए कुछ राज्यों में पोषण संकेतकों में महत्वपूर्ण सुधार में योगदान देने वाले कारकों के बारे में व्यापक आंकड़ा विश्लेषण की आवश्यकता पर जोर दिया।
महिला और बाल विकास सचिव राम मोहन मिश्रा ने उत्पादन और स्थानीय खाद्य पदार्थों के विपणन को प्रोत्साहित करने के लिये ‘वोकल फॉर लोकल’ के महत्व पर बल दिया।

भारत सरकार-संयुक्त राष्ट्र सतत विकास रूपरेखा (एसडीएफ) 2018-2022 प्रमुख विकास परिणामों की उपलब्धि का समर्थन करने के लिए भारत में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के काम की रूपरेखा ढांचा तैयार करता है। ये प्रमुख विकास क्षेत्रों की पहचान सरकार के परामर्श से की गयी है और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़े हैं।

नीति आयोग संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास रूपरेखा कार्यक्रम के संचालन को लेकर भारत में संयुक्त राष्ट्र की राष्ट्रीय सहयोगी है।


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PTI News Agency

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