सीबीआई ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड में 207 करोड़ रूपये के घोटाले का किया पर्दाफाश
punjabkesari.in Monday, Apr 19, 2021 - 08:14 PM (IST)
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) में 207 करोड़ रूपये के घोटाला का पर्दाफाश किया है जिसके तहत उसकी धनराशि बैंक आफ बड़ौदा के ‘‘फर्जी’’ खाते में डाली गयी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी शनिवर को बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की पटपड़गंज शाखा के प्रबंधक के कार्यालय एवं निवास की तलाशी की।
उन्होंने बताया कि यह घोटाला सीबीआई के हाल के औचक निरीक्षण के दौरान सामने आया और उसने डीयूआईएसबी एवं बीओबी के अज्ञात अधिकारियों के विरूद्ध मामला दर्ज किया।
अधिकारियों ने बताया कि डीयूएसआईबी के मुख्यालय के लेखा विभाग की चेकिंग के दौरान पता चला कि 214 करोड़ रूपये मूल्य के 112 सावधि जमा एक सितंबर, 2020 से 31 मार्च 2021 तक बैंक ऑफ बड़ौदा की पटपड़गंज शाखा में खोले गये।
उन्होंने बताया कि सावधि जमा खोलने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में डीयूएसआईबी के पांच खातों से यह राशि निकालकर बैंक ऑफ बड़ौदा के दो खातों में डाली गयी।
उन्होंने बताया कि एफडी संबंधी रसीद प्रतिभूति कागजों पर नहीं बल्कि बस ए 4 कागजों पर छापी गयीं।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दस्तावेजों से पता चलता है कि 6.01 करोड़ रूपये की बस तीन सावधि जमा बोर्ड के नाम से जारी की गयी जबकि 207 करोड़ रूपये की 109 सावधि जमा फर्जी ‘‘प्रतिभूतियां’’ हैं और धन की हेराफेरी की गयी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी शनिवर को बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की पटपड़गंज शाखा के प्रबंधक के कार्यालय एवं निवास की तलाशी की।
उन्होंने बताया कि यह घोटाला सीबीआई के हाल के औचक निरीक्षण के दौरान सामने आया और उसने डीयूआईएसबी एवं बीओबी के अज्ञात अधिकारियों के विरूद्ध मामला दर्ज किया।
अधिकारियों ने बताया कि डीयूएसआईबी के मुख्यालय के लेखा विभाग की चेकिंग के दौरान पता चला कि 214 करोड़ रूपये मूल्य के 112 सावधि जमा एक सितंबर, 2020 से 31 मार्च 2021 तक बैंक ऑफ बड़ौदा की पटपड़गंज शाखा में खोले गये।
उन्होंने बताया कि सावधि जमा खोलने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में डीयूएसआईबी के पांच खातों से यह राशि निकालकर बैंक ऑफ बड़ौदा के दो खातों में डाली गयी।
उन्होंने बताया कि एफडी संबंधी रसीद प्रतिभूति कागजों पर नहीं बल्कि बस ए 4 कागजों पर छापी गयीं।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दस्तावेजों से पता चलता है कि 6.01 करोड़ रूपये की बस तीन सावधि जमा बोर्ड के नाम से जारी की गयी जबकि 207 करोड़ रूपये की 109 सावधि जमा फर्जी ‘‘प्रतिभूतियां’’ हैं और धन की हेराफेरी की गयी है।
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