समुद्री उत्पादों के लिये ई-सांता मंच किसानों को बनाएगा सशक्त: गोयल
punjabkesari.in Tuesday, Apr 13, 2021 - 07:36 PM (IST)
नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि समुद्री उत्पादों के लिये ई-वाणिज्य मंच, ई-सांता किसानों को सशक्त बनाएगा क्योंकि वे इस पोर्टल के जरिये अपनी उपज आसानी से बेच पाएंगे। मंत्री ने मंच ई-सांता (इलेक्ट्रॉनिक सॉल्यूशन फॉर ऑग्मेंटिंग एनएसीएसए फार्मर्स ट्रेड इन एक्वाकल्चर) की शुरूआत करते हुए यह भी कहा कि इससे किसान हाजिर के साथ वायदा बिक्री भी कर सकेंगे।
एनएसीएसए (नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल एक्वाकल्चर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) की एक विस्तारित शाखा है। गोयल ने कहा, ‘‘यह वेबसाइट नये और डिजिटल समाधान के जरिये स्पष्ट रूप से हमारे किसानों को सशक्त बनाएगा। इससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने का अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। अब हमारे किसान इस मंच के जरिये आसानी से अपने उत्पादन बेच सकते हैं।’’
उन्होंने कहा यह मंच मछली और जल कृषकों को आजादी, विकल्प और अवसर उपलब्ध कराएगा। इससे विक्रेताओं खरीदार दोनों के लिये निष्पक्ष मूल्य सुनिश्चित हो सकेगा।
गोयल के अनुसार, ‘‘ई-सांता सामूहिक रूप से उत्पादों को खरीदने वाले, मछुआरों एवं मत्स्य उत्पादक संगठनों को एक साथ लाने का एक माध्यम बन सकता है, और इससे भारत एवं विश्व के लोग ये जान सकते हैं कि क्या उपलब्ध है। यह भविष्य में एक नीलामी मंच भी बन सकता है।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण को पोर्टल खरीदार और विक्रेता दोनों के लिये रेटिंग प्रणाली तैयार करनी चाहिए। इससे कोई भी रेटिंग देख सकेगा और उसके अनुसार निर्णय कर सकेगा।
फिलहाल 18,000 किसान हैं जो देश के समुद्री उत्पादों के निर्यात में योगदान दे रहे हैं।
गोयल ने कहा ई संता (जिसक मतलब मंडी या बाजार) बाजार विभाजन को समाप्त करने के लिए एक डिजिटल ब्रिज है और यह बिचौलियों को खत्म करके किसानों एवं खरीदारों के बीच एक वैकल्पिक विपणन उपकरण के रूप में काम करेगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एनएसीएसए (नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल एक्वाकल्चर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) की एक विस्तारित शाखा है। गोयल ने कहा, ‘‘यह वेबसाइट नये और डिजिटल समाधान के जरिये स्पष्ट रूप से हमारे किसानों को सशक्त बनाएगा। इससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने का अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। अब हमारे किसान इस मंच के जरिये आसानी से अपने उत्पादन बेच सकते हैं।’’
उन्होंने कहा यह मंच मछली और जल कृषकों को आजादी, विकल्प और अवसर उपलब्ध कराएगा। इससे विक्रेताओं खरीदार दोनों के लिये निष्पक्ष मूल्य सुनिश्चित हो सकेगा।
गोयल के अनुसार, ‘‘ई-सांता सामूहिक रूप से उत्पादों को खरीदने वाले, मछुआरों एवं मत्स्य उत्पादक संगठनों को एक साथ लाने का एक माध्यम बन सकता है, और इससे भारत एवं विश्व के लोग ये जान सकते हैं कि क्या उपलब्ध है। यह भविष्य में एक नीलामी मंच भी बन सकता है।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण को पोर्टल खरीदार और विक्रेता दोनों के लिये रेटिंग प्रणाली तैयार करनी चाहिए। इससे कोई भी रेटिंग देख सकेगा और उसके अनुसार निर्णय कर सकेगा।
फिलहाल 18,000 किसान हैं जो देश के समुद्री उत्पादों के निर्यात में योगदान दे रहे हैं।
गोयल ने कहा ई संता (जिसक मतलब मंडी या बाजार) बाजार विभाजन को समाप्त करने के लिए एक डिजिटल ब्रिज है और यह बिचौलियों को खत्म करके किसानों एवं खरीदारों के बीच एक वैकल्पिक विपणन उपकरण के रूप में काम करेगा।
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