भारत की आधुनिक खुफिया एजेंसी के सफर पर आधारित पुस्तक ‘द वॉर दैट मेड रॉ’ का विमोचन

punjabkesari.in Tuesday, Apr 13, 2021 - 04:22 PM (IST)

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) एक नयी पुस्तक में अनुसंधान और विश्लेषण विंग (रॉ) की उत्पत्ति की जानकारी देने के साथ ही 1971 में बांग्लादेश को आजादी दिलाने में भारत की मदद करने में, इसके संस्थापक दिग्गज जासूस आर एन काओ की अभिन्न भूमिका पर करीब से प्रकाश डाला गया है।

गोल्डन पेन के साथ मिलकर वेस्टलैंड द्वारा प्रकाशित की गई पुस्तक ‘द वार दैट मेड आर एंड एडब्ल्यू’ को फिल्मकार और लेखकों अनुष्का नंदकुमार और संदीप साकेत ने लिखा है। इस पुस्तक का सोमवार को विमोचन किया गया।

लेखकों ने किताब के बारे में कहा, “फिल्मकार के तौर पर हमें, किसी भी कहानी या सिनेमा जगत में, एक नायक की तलाश होती है। हमें आर एन काओ के रूप में वह नायक मिला। हमारे लिए इतिहास का यह हिस्सा दृश्यात्मक रूप से समृद्ध, रहस्य से भरा, मनोरंजक और सामने लाने वाली एक बेहद संतोषजनक कहानी है।”
खुफिया विभाग (आईबी) में उपनिदेशक काओ ने 1968 में रॉ के निदेशक का पद संभाला था जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अंतरराष्ट्रीय खतरों पर केंद्रित एक खुफिया एजेंसी बनाने के लिए आईबी को दो हिस्सों में तोड़ दिया था।

काओ का एक ही लक्ष्य था खुफिया जानकारी जुटाने वाली ऐसी एजेंसी का निर्माण करना जो भारत की सुरक्षा एवं संप्रभुता को सुनिश्चित करे। और बाद में ‘काओब्वॉयज’ की विरासत व्यापक तौर पर जानी गई। उनकी टीम को यह नाम प्यार से दिया गया था।

खुफिया कारनामों संबंधी उनकी विरासत में 1950 के दशक के मध्य में ‘कश्मीर प्रिंसेस’ मामले की जांच करना, 1971 में बांग्लादेश को आजाद कराने में उनका योगदान और भारत में सिक्किम का विलय सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका शामिल है।



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PTI News Agency

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