टीका बर्बादी सरकार के लिए चिंता का सबब : राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ

punjabkesari.in Saturday, Apr 10, 2021 - 12:35 PM (IST)

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) कोरोना वायरस के टीके की बर्बादी सरकार के लिए चिंता का सबब है। यह बात शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. राम सेवक शर्मा ने कही। उन्होंने सुझाव दिया कि इस समस्या से छोटे टीकाकरण केंद्रों को मिलाकर बड़े टीकाकरण केंद्र में तब्दील करके निजात पाया जा सकता है।


पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में शर्मा ने कहा कि भारत क्षमता के मुताबिक टीका बना रहा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि टीका बर्बाद होने दिया जाए।


उन्होंने कहा कि टीकाकरण का उद्देश्य उन लोगों को कवर करना है जिनको इसकी जरूरत है, न कि उन लोगों को कवर करना है, जो टीका लगवाना चाहते हैं और इसकी बर्बादी रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों एवं स्थानीय प्राधिकरणों पर है।


उन्होंने कहा, ‘‘टीकों की बर्बादी चिंता का सबब है। हम भाग्यशाली हैं कि टीका क्षमता के अनुसार बना रहे हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम टीका की बर्बादी करें। स्थानीय प्रबंधन इसमें कमी ला सकता है।’’

उन्होंने छोटे टीकाकरण केंद्रों को मजबूत करने की जरूरत पर भी बल दिया।


उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अन्य छोटी जरूरतें हैं, जैसे छोटे टीका केंद्रों को बड़े केंद्र में तब्दील करना और अगर ऐसा होता है तो टीकों की बर्बादी को भी कम किया जा सकता है। बर्बादी सामान्य तौर पर अंतिम शीशी में होती है। समय लेने के बाद भी लोग टीका लगवाने नहीं पहुंचते हैं, यह भी एक मुद्दा है।’’

शर्मा ने कहा कि शुरुआत में कोविन-पोर्टल में कुछ समस्याएं थीं लेकिन कुछ दिनों के अंदर उन्हें ठीक कर दिया गया और अब ‘‘हमारे पास काफी उन्नत व्यवस्था है और एक मार्च से कोई खामी नहीं आई है।’’

डॉ. शर्मा ने कहा कि टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया में निजी क्षेत्र को बड़ी भूमिका निभानी है, जिसमें पूरी टीकाकरण प्रक्रिया के बारे में जागरूकता फैलाने से लेकर हिचक को कम करना भी शामिल है।


पीएएफआई डायलॉग का विषय ‘‘कोविड टीकाकरण और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन’’ था।



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PTI News Agency

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