अवैध कोयला खनन मामला: सीबीआई ने न्यायालय को बताया कि जांच के लिए पश्चिम बंगाल से पूर्व मंजूरी जरूरी नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Mar 10, 2021 - 09:01 PM (IST)

नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) सीबीआई ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसे राज्य में कथित अवैध खनन और कोयला की ढुलाई के मामले में जांच करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से पूर्व मंजूरी लेना जरूरी नहीं है क्योंकि कथित अपराध ‘रेलवे के क्षेत्र’ में हुआ है।

जांच एजेंसी ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा कि मामले में कथित अपराध वास्तव में ‘रेलवे क्षेत्र’ में हुआ है जिससे जांच करने का सीबीआई का विशेष अधिकार बनता है।

यह मामला न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये आया था। पीठ ने संबंधित पक्षों को सीबीआई के हलफनामे पर अपने जवाब दाखिल करने की अनुमति देते हुये इसे 15 मार्च के लिये सूचीबद्ध कर दिया।

हलफनामे में कहा गया, ‘‘इसलिए उपरोक्त के मद्देनजर और मौजूदा मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट है कि मौजूदा प्रतिवादी (सीबीआई) न केवल राज्य सरकार की पूर्व अनुमति के बिना ‘रेलवे क्षेत्रों’ में जांच कर सकता है, बल्कि जांच आगे बढ़ने के क्रम में ये अधिकार क्षेत्र ‘रेलवे क्षेत्रों’ से परे अन्य क्षेत्रों तक भी जाता है जो पश्चिम बंगाल राज्य के न्यायक्षेत्र में आते हैं।’’
शीर्ष अदालत में जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया जो कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय के आदेश में सीबीआई को राज्य की मंजूरी के बिना मामले में जांच करने की इजाजत दी गयी थी।

न्यायालय ने एक मार्च को सीबीआई को कंपनी के एक निदेश अनूप मांजी की अपील के जवाब में हलफनामा दाखिल करने का समय दिया था।

पश्चिम बंगाल सरकार की दलीलथी कि चूंकि 16 नवंबर, 2018 को सीबीआई को राज्य मे जांच करने की अनुमति वापस ले ली गयी थी, ऐसी स्थिति में उसके अधिकार क्षेत्रमें होने वाले किसी भी अपराध की जांच केन्द्रीय एजेन्सी नहीं कर सकती है।



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PTI News Agency

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