किसानों से बातचीत के लिये दिल्ली सीमा पर क्यों नहीं जाते मोदी : चिदंबरम
punjabkesari.in Sunday, Feb 28, 2021 - 01:13 AM (IST)
नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को सरकार पर हमला बोला और कहा कि मंदी वाले साल में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद प्रदर्शनकारी किसानों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है जैसे वे देश के दुश्मन हों ।
पूर्व वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि दिल्ली सीमा पर धरना दे रहे किसानों से बातचीत के लिये उन्होंने 20 किलोमीटर की यात्रा नहीं की जबकि वह केरल और असम की यात्रा कर रहे हैं ।
कांग्रेस नेता ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘मंदी वाले साल में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि के लिए कृषि क्षेत्र को पुरस्कृत करना, प्रदर्शनकारी किसानों के साथ ऐसा व्यवहार करना है जैसे कि वे राज्य के दुश्मन हों।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री केरल से असम तक जाते हैं, लेकिन दिल्ली की सीमा पर किसानों से मिलने के लिए 20 किलोमीटर की यात्रा करने का समय नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार दावा करेगी कि कि उसने किसानों की आय दोगुनी कर दी है। वो यह भी दावा करेंगे कि सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलता है, जबकि सच्चाई यह है कि केवल छह प्रतिशत किसान ही एमएसपी पर अनाज को बेच पाते हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पूर्व वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि दिल्ली सीमा पर धरना दे रहे किसानों से बातचीत के लिये उन्होंने 20 किलोमीटर की यात्रा नहीं की जबकि वह केरल और असम की यात्रा कर रहे हैं ।
कांग्रेस नेता ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘मंदी वाले साल में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि के लिए कृषि क्षेत्र को पुरस्कृत करना, प्रदर्शनकारी किसानों के साथ ऐसा व्यवहार करना है जैसे कि वे राज्य के दुश्मन हों।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री केरल से असम तक जाते हैं, लेकिन दिल्ली की सीमा पर किसानों से मिलने के लिए 20 किलोमीटर की यात्रा करने का समय नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार दावा करेगी कि कि उसने किसानों की आय दोगुनी कर दी है। वो यह भी दावा करेंगे कि सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलता है, जबकि सच्चाई यह है कि केवल छह प्रतिशत किसान ही एमएसपी पर अनाज को बेच पाते हैं।
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