2020 में डिजिटल बैंकिंग के संबंध में करीब 2.9 लाख साइबर सुरक्षा वारदात की सूचना: धोत्रे
punjabkesari.in Thursday, Feb 04, 2021 - 06:01 PM (IST)
नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) डिजिटल बैंकिंग के संबंध में वर्ष 2020 में करीब 2.9 लाख साइबर सुरक्षा संबंधी घटनाओं की सूचना मिली। सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने एक प्रश्न के लखित जवाब में कहा कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) द्वारा सूचित और पता की गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018, वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के दौरान डिजिटल बैंकिंग के संदर्भ में कुल क्रमश: 1,59,761, 2,46,514 और 2,90,445 साइबर सुरक्षा घटनाएं सामने आई हैं।
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में फ़िशिंग हमले, नेटवर्क स्कैनिंग तथा जांच वायरस एवं वेबसाइट हैकिंग शामिल थे।
मंत्री ने उल्लेख किया कि ई-कॉमर्स के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की बढ़ती लोकप्रियता ने भी डिजिटल भुगतान के दायरे का विस्तार किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2020 में डिजिटल लेनदेन में प्रतिशत वृद्धि 46 प्रतिशत की है।’’ धोत्रे ने कहा कि डिजिटल लेनदेन की संख्या वित्तवर्ष 2018-19 के 3,134 करोड़ से बढ़कर वित्तवर्ष 2019-20 में 4,572 करोड़ हो गई है।
एक अलग प्रश्न के जवाब में, मंत्री ने कहा कि अवरुद्ध किये गये वेबसाइटों / वेबपेजों / खातों की संख्या वर्ष 2020 में 9,849 थी।
यह संख्या वर्ष 2018 में 2,799 और वर्ष 2019 में 3,635 थी।
उन्होंने कहा कि आयकर कानून की धारा 69 ए सरकार को किसी भी कंप्यूटर संसाधन में भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, किसी देश के साथ मित्रवत संबंधों अथवा सार्वजनिक व्यवस्था के हित में उत्पन्न, प्रसारित, प्राप्त, संग्रहीत या होस्ट की गई किसी भी जानकारी को अवरुद्ध करने का अधिकार देती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, धोत्रे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, धोखाधड़ी और छल के आरोप के संबंध में वर्ष 2019 में 6,233 मामले धोखाधड़ी और धोखाधड़ी (सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के अनुसार संचार उपकरणों के उपयोग के माध्यम / लक्ष्य के रूप में शामिल करते हुए) के मामले दर्ज किए गए थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने एक प्रश्न के लखित जवाब में कहा कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) द्वारा सूचित और पता की गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018, वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के दौरान डिजिटल बैंकिंग के संदर्भ में कुल क्रमश: 1,59,761, 2,46,514 और 2,90,445 साइबर सुरक्षा घटनाएं सामने आई हैं।
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में फ़िशिंग हमले, नेटवर्क स्कैनिंग तथा जांच वायरस एवं वेबसाइट हैकिंग शामिल थे।
मंत्री ने उल्लेख किया कि ई-कॉमर्स के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की बढ़ती लोकप्रियता ने भी डिजिटल भुगतान के दायरे का विस्तार किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2020 में डिजिटल लेनदेन में प्रतिशत वृद्धि 46 प्रतिशत की है।’’ धोत्रे ने कहा कि डिजिटल लेनदेन की संख्या वित्तवर्ष 2018-19 के 3,134 करोड़ से बढ़कर वित्तवर्ष 2019-20 में 4,572 करोड़ हो गई है।
एक अलग प्रश्न के जवाब में, मंत्री ने कहा कि अवरुद्ध किये गये वेबसाइटों / वेबपेजों / खातों की संख्या वर्ष 2020 में 9,849 थी।
यह संख्या वर्ष 2018 में 2,799 और वर्ष 2019 में 3,635 थी।
उन्होंने कहा कि आयकर कानून की धारा 69 ए सरकार को किसी भी कंप्यूटर संसाधन में भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, किसी देश के साथ मित्रवत संबंधों अथवा सार्वजनिक व्यवस्था के हित में उत्पन्न, प्रसारित, प्राप्त, संग्रहीत या होस्ट की गई किसी भी जानकारी को अवरुद्ध करने का अधिकार देती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, धोत्रे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, धोखाधड़ी और छल के आरोप के संबंध में वर्ष 2019 में 6,233 मामले धोखाधड़ी और धोखाधड़ी (सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के अनुसार संचार उपकरणों के उपयोग के माध्यम / लक्ष्य के रूप में शामिल करते हुए) के मामले दर्ज किए गए थे।
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