प्रधानमंत्री मोदी ने टीका मुहैया करा कर ‘बेहतरीन उदाहरण’ पेश किया है : बांग्लादेश के मंत्री
punjabkesari.in Thursday, Jan 21, 2021 - 10:32 PM (IST)
नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरयार आलम ने बृहस्पतिवार को कहा कि दक्षिण एशिया को क्षेत्रीय स्तर पर सहयोग करने की जरुरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने भारत के पड़ोसी देशों को टीका उपलब्ध करा कर ‘बेहतरीन उदाहरण’ पेश किया है।
वेबीनार के दौरान आलम ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) ‘‘आशाओं पर खरा नहीं उतर रहा है’’ और उन्होंने बिम्स्टेक को लेकर आशा जताई।
मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि बांग्लादेश और भारत अपने द्विपक्षीय संबंधों के ‘‘सुनहरे अध्याय’’ में हैं।
बांग्लादेश से वीडियो कांफ्रेंस में आलम ने ‘‘नदी जल के बंटवारे, बंगाल की खाड़ी से जुड़े मुद्दों और सीमा पर होने वाली घटनाओं को पूरी तरह समाप्त करने सहित लंबित मामलों पर साथ मिलकर काम करने की बात कही।’’
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित वेबीनार में उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 से ना सिर्फ हमारे आपसी संबंधों और एक-दूसरे पर निर्भरता का पता चला है, बल्कि इससे हमारी कमजोरियां भी सामने आयी हैं। चुनौती भरे समय में एकता और एकजुटता हमारे जीवन के सिद्धांत होने चाहिए। यह सभी द्वारा ठोस और लीक से हटकर कदम उठाने का वक्त है।’’
आलम ने कहा, ‘‘बांग्लादेश को लगता है कि दक्षिण एशिया के देशों को क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे ही सहयोग करने की जरुरत है और यह बेहतरीन उदाहरण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार ना सिर्फ बांग्लादेश को बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई पड़ोसियों को टीका उपलब्ध करा रही है।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत द्वारा टीका, दवाएं और अन्य मेडिकल उपकरण मुहैया कराए जाने से जुड़ी सहायता की बांग्लादेश तारीफ करता है।
आलम ने कहा कि महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सरकार की सहायता के लिए बांग्लादेश उनका आभारी है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार की सुबह उन्होंने, देश के विदेश और स्वास्थ्य मंत्री ने भारत से सहायता के तहत प्राप्त टीका लगवाया।
भारत ने सहायता के रूप में बांग्लादेश को कोविड-19 टीके की 20 लाख से ज्यादा खुराक भेजी हैं।
आलम ने कहा कि बांग्लदेश की एक फर्म ने टीके के संबंध में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ करार किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
वेबीनार के दौरान आलम ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) ‘‘आशाओं पर खरा नहीं उतर रहा है’’ और उन्होंने बिम्स्टेक को लेकर आशा जताई।
मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि बांग्लादेश और भारत अपने द्विपक्षीय संबंधों के ‘‘सुनहरे अध्याय’’ में हैं।
बांग्लादेश से वीडियो कांफ्रेंस में आलम ने ‘‘नदी जल के बंटवारे, बंगाल की खाड़ी से जुड़े मुद्दों और सीमा पर होने वाली घटनाओं को पूरी तरह समाप्त करने सहित लंबित मामलों पर साथ मिलकर काम करने की बात कही।’’
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित वेबीनार में उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 से ना सिर्फ हमारे आपसी संबंधों और एक-दूसरे पर निर्भरता का पता चला है, बल्कि इससे हमारी कमजोरियां भी सामने आयी हैं। चुनौती भरे समय में एकता और एकजुटता हमारे जीवन के सिद्धांत होने चाहिए। यह सभी द्वारा ठोस और लीक से हटकर कदम उठाने का वक्त है।’’
आलम ने कहा, ‘‘बांग्लादेश को लगता है कि दक्षिण एशिया के देशों को क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे ही सहयोग करने की जरुरत है और यह बेहतरीन उदाहरण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार ना सिर्फ बांग्लादेश को बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई पड़ोसियों को टीका उपलब्ध करा रही है।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत द्वारा टीका, दवाएं और अन्य मेडिकल उपकरण मुहैया कराए जाने से जुड़ी सहायता की बांग्लादेश तारीफ करता है।
आलम ने कहा कि महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सरकार की सहायता के लिए बांग्लादेश उनका आभारी है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार की सुबह उन्होंने, देश के विदेश और स्वास्थ्य मंत्री ने भारत से सहायता के तहत प्राप्त टीका लगवाया।
भारत ने सहायता के रूप में बांग्लादेश को कोविड-19 टीके की 20 लाख से ज्यादा खुराक भेजी हैं।
आलम ने कहा कि बांग्लदेश की एक फर्म ने टीके के संबंध में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ करार किया है।
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