टीकाकरण की शुरूआत: सोशल मीडिया पर की गई सराहना, ट्विटर पर छाया- ‘सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान’

punjabkesari.in Saturday, Jan 16, 2021 - 07:15 PM (IST)

नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) भारत के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरूआत करने के कुछ ही घंटों बाद शनिवार को सोशल मीडिया पर ‘‘लार्जेस्ट वैक्सीन ड्राइव’’ (सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान) हैशटैग छा गया। साथ ही, लोगों ने राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए इन ऑनलाइन मंचों पर प्रधानमंत्री की सराहना की।

टीकाकरण की शुरूआत के बाद ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर चर्चा शुरू हो गई। कई लोगों ने प्रधानमंत्री की टिप्पणियों और टीकाकरण अभियान शुरूआत करने की सरहाना की।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद ट्विटर पर 4.3 लाख ट्वीट के साथ ‘‘लार्जेस्ट वैक्सीन ड्राइव’’ हैशटैग ट्रेंड करने लगा(छा गया) ।
ट्विटर पर एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘दुनिया त्राहिमाम है, फिर भी भारत के लोग आशावादी हैं क्योंकि प्रधानमंत्री हमें बचाएंगे। अर्थव्यस्था का बुरा हाल है, फिर भी भारतीय आशान्वित हैं कि प्रधानमंत्री इसे संभाल लेंगे। टीकों पर भ्रम की स्थिति थी, फिर भी भारत के लोग निश्चंत हैं क्योंकि हम जानते थे कि प्रधानमंत्री सर्वश्रेष्ठ टीके का चयन करेंगे।’’
एक अन्य ट्विटर यूजर ने कहा, ‘‘एक बार फिर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के लोगों को आश्वस्त किया है कि हम कोविड-19 को शिकस्त देंगे। परिवार के मुखिया के रूप में हमारी देखरेख करने के लिए प्रधानमंत्री, आपका धन्यवाद।’’
एक अन्य व्यक्ति ने (टीका विकसित करने के) अथक प्रयासों के लिए वैज्ञानिकों की संकट के समय में उनके त्रुटिरहित नेतृत्व को लेकर उनकी सराहना की।
ट्विटर यूजर ने कहा, ‘‘भारत ने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत की है ! वैश्विक टीकाकरण में भारत जो नेतृत्व प्रदर्शित कर रहा है उसका कोई सानी नहीं है।’’
प्रधानमंत्री के संबोधन की सोशल मीडिया पर कई अन्य लोगों ने भी सराहना करते हुए उसे प्रेरणादायक बताया।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘‘संकट के दौरान आपके अतुल्य नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री को बधाई। ’’
हालांकि, टीके को लेकर ट्विटर पर कुछ आलोचना और आगाह करने वाली टिप्पणी भी देखने को मिली।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने मीडिया में आई एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि नार्वे में कोविड-19 टीके की प्रथम खुराक लेने के कुछ ही दिनों के अंदर 23 लोगों की मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि लेकिन फिर भी यहां भारत में, ‘‘हम बगैर उपयुक्त परीक्षण या पारदर्शिता के टीकाकरण शुरू कर रहे हैं, जबकि कोविड से होने वाली मौतों और संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आई है। ’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘टीकाकरण आरंभ हो गया है और यह अजोबो-गरीब है कि भारत के पास (टीकों के) आपात उपयोग को अधिकृत करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो टीकों के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कोवैक्सीन की अलग ही कहानी है। इसे उचित प्रक्रिया के बिना अनुमति दी गई।’’
उन्होंने मीडिया में आई एक खबर को अपने ट्वीट में टैग करते हुए यह कहा। इस खबर में यह दावा किया गया है कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के सीमित उपयोग की अनुमति के मुद्दे पर वैज्ञानिक और चिकित्सक बंटे हुए हैं।


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PTI News Agency

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