कटारिया बने बाटा के वैश्विक प्रमुख, भारतीय मूल के सीईओ की दुनिया में बढ़ी धाक

punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2020 - 11:27 PM (IST)

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) भारतीय मूल के कॉरपोरेट प्रमुखों की धाक लगातार दुनियाभर में बढ़ रही है। इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है संदीप कटारिया का, जिन्हें जूता कंपनी बाटा इंडिया के प्रमुख से पदोन्नत कर वैश्विक परिचालन का मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया है।

रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनी (एफएमसीजी) से लेकर बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रमुखों की जिम्मेदारी भारतीय मूल के लोग संभाल रहे हैं। इंदिरा नूयी, सुंदर पिचाई और सत्य नडेला समेत इस श्रेणी में बहुत से लोग हैं जो कई अरब डॉलर की कंपनियों का संचालन कर रहे हैं।

नूयी को पेप्सिको का वैश्विक सीईओ बनाया गया और 2018 में उनके इस्तीफा देने तक वह 12 साल इस पद पर रहीं। पेप्सिको में उन्होंने 24 साल विभिन्न पदों पर काम किया।

इसी तरह हरीश मनवानी 1976 में हिंदुस्तान यूनिलीवर की प्रबंधन टीम का हिस्सा बने और 2011 में उन्हें मातृ कंपनी का पहला मुख्य परिचालन अधिकारी नियुक्त किया गया।

नडेला फरवरी 2014 से माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं। जबकि पिचाई अगस्त 2015 से गूगल के सीईओ हैं। बाद में जुलाई 2017 में उन्हें गूगल की मातृ कंपनी के निदेशक मंडल में भी शामिल किया गया।

प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों में भारतीय मूल के प्रमुखों का सिलसिला यहीं नहीं खत्म होता। एडोबी के चेयरमैन, अध्यक्ष और सीईओ शांतनु नारायण भी भारतीय मूल के हैं।
इसी क्रम में आईबीएम ने इसी साल अप्रैल में अरविंद कृष्णा को अपना मुख्या कार्याधिकारी नियुक्त किया।

डेटा प्रबंधन और भंडारण कंपनी नेटऐप जून 2015 से सीईओ जॉर्ज कुरियन की जड़े भी भारत से जुड़ी हैं।

इस सूची में मिकरॉन टेक्नोलॉजीस के सीईओ संजय मेहरोत्रा, एफएमसीजी कंपनी रेकिट बेनकाइजर के सीईओ लक्ष्मण नरसिम्हा, शराब कंपनी डियाजियो के सीईओ इवान मेंजेस, भुगतान सेवा कंपनी मास्टरकार्ड के सीईओ अजयपाल सिंह बंगा, प्रौद्योगिकी कंपनी डेलॉयट ताउचे तोमात्सु के सीईओ पुनीत रंजन और दवा कंपनी नोवार्टिस के सीईओ वसंत नरसिम्हन का नाम शामिल है।



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PTI News Agency

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