जजपा ने केंद्र से किसानों से तुरंत वार्ता करने का आग्रह किया
punjabkesari.in Saturday, Nov 28, 2020 - 09:34 PM (IST)
चंडीगढ़, 28 नवंबर (भाषा) हरियाणा में भाजपा के गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने शनिवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से तुरंत वार्ता करे।
जजपा के नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने केंद्र सरकार से अपील की कि किसान संगठनों से वार्ता करने के लिए वह तीन दिसंबतर तक इंतजार नहीं करे।
एक वीडियो संदेश में दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों में किसानों और खासकर हरियाणा और पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली की ओर मार्च किया। केंद्र सरकार के समक्ष अपने विचार रखने के लिए हजारों किसान सड़कों पर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी और ठंड के मौसम को देखते हुए किसान और अधिक दिक्कतों का सामना नहीं करें, इसलिए मैं केंद्र से अपील करता हूं कि तीन दिसंबर के बजाए सभी किसान संगठनों को शनिवार को बुलाना चाहिए और उनके संदेहों को दूर किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में जो घटनाएं हुई हैं, उससे किसान दुखी हुए हैं।
इस बीच, कांग्रेस ने जजपा की आलोचना करते हुए कहा कि उसने किसानों से धोखा किया है।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हरियाणा का इतिहास (उपमुख्यमंत्री) दुष्यंत चौटाला द्वारा किसानों से किया गया छलावा कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने (जजपा) भाजपा के खिलाफ किसानों से वोट मांगा, ऋण माफी का वादा किया लेकिन आज किसान सड़कों पर आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का सामना कर रहा है। लेकिन जजपा सत्ता में बनी हुई है।’’
जजपा ने 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ा था, लेकिन भगवा दल को बहुमत से कम सीट आने पर उनसे हाथ मिला लिया।
इस बीच, हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस बयान की निंदा की कि हरियाणा के किसानों ने आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया और इसमें मुख्यत: पंजाब के किसान शामिल हुए।
शैलजा ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास साहस नहीं है कि वह हरियाणा के किसानों के दर्द और समस्याओं को जानें और अपनी आवाज उठाएं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
जजपा के नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने केंद्र सरकार से अपील की कि किसान संगठनों से वार्ता करने के लिए वह तीन दिसंबतर तक इंतजार नहीं करे।
एक वीडियो संदेश में दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों में किसानों और खासकर हरियाणा और पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली की ओर मार्च किया। केंद्र सरकार के समक्ष अपने विचार रखने के लिए हजारों किसान सड़कों पर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी और ठंड के मौसम को देखते हुए किसान और अधिक दिक्कतों का सामना नहीं करें, इसलिए मैं केंद्र से अपील करता हूं कि तीन दिसंबर के बजाए सभी किसान संगठनों को शनिवार को बुलाना चाहिए और उनके संदेहों को दूर किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में जो घटनाएं हुई हैं, उससे किसान दुखी हुए हैं।
इस बीच, कांग्रेस ने जजपा की आलोचना करते हुए कहा कि उसने किसानों से धोखा किया है।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हरियाणा का इतिहास (उपमुख्यमंत्री) दुष्यंत चौटाला द्वारा किसानों से किया गया छलावा कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने (जजपा) भाजपा के खिलाफ किसानों से वोट मांगा, ऋण माफी का वादा किया लेकिन आज किसान सड़कों पर आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का सामना कर रहा है। लेकिन जजपा सत्ता में बनी हुई है।’’
जजपा ने 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ा था, लेकिन भगवा दल को बहुमत से कम सीट आने पर उनसे हाथ मिला लिया।
इस बीच, हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस बयान की निंदा की कि हरियाणा के किसानों ने आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया और इसमें मुख्यत: पंजाब के किसान शामिल हुए।
शैलजा ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास साहस नहीं है कि वह हरियाणा के किसानों के दर्द और समस्याओं को जानें और अपनी आवाज उठाएं।’’
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