किसान आंदोलन को राजनीतिक दल हवा दे रहे हैं : खट्टर

punjabkesari.in Sunday, Nov 29, 2020 - 12:03 AM (IST)

चंडीगढ़, 28 नवंबर (भाषा) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ राजनीतिक दल एवं संगठन किसान आंदोलन को ''''प्रायोजित'''' कर रहे हैं ।
खट्टर ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर भी हमला बोला और दावा किया वह इस मसले पर उनसे बातचीत करना चाहते थे और तीन दिन तक उनके कार्यालय में टेलीफोन किया लेकिन उन्होंने इसका कोई उत्तर नहीं दिया।

हालांकि, अमरिंदर सिंह ने खट्टर के उन आरोपों को खारिज किया कि बार-बार प्रयास के बावजूद उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से बातचीत नहीं की।

सिंह ने कहा कि वह खट्टर से तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक वह दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर हुई ''''बर्बरता'''' के लिए माफी नहीं मांग लेते।
इसमें ''''साजिश'''' होने का दावा करते हुये, खट्टर ने गुरूग्राम में संवाददाताओं से कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के कार्यालय के अधिकारी पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों को निर्देश दे रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की शुरूआत पंजाब के किसानों ने की है और कुछ राजनीतिक दल एवं संगठन इसे ''''प्रायोजित'''' कर रहे हैं ।
खट्टर ने दावा किया कि हरियाणा के किसानों ने इस आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया है । उन्होंने कहा, ''''इसके लिये मैं हरियाणा के किसानों का धन्यवाद देना चाहता हूं ।'''' मुख्यमंत्री ने कहा, ''''मैं हरियाणा पुलिस की भी तारीफ करता हूं कि उन्होंने पिछले दो दिन में, जब से यह मामला (दिल्ली चलो मार्च) शुरू हुआ है, संयम से काम लिया है और बल का इस्तेमाल नहीं किया ।'''' मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोग इसमें अपनी राजनीति कर रहे हैं जो बेहद निंदनीय है ।
यह पूछे जाने पर कि किसानों के मार्च से पहले क्या उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से बातचीत करने का प्रयास किया, खट्टर ने कहा, ''''मेरे कार्यालय ने मुझे बताया कि उन्होंने छह से सात बार उनसे (अमरिंदर सिंह से) दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया और हर बार उनके कर्मचारियों ने कहा कि हम जल्दी ही संपर्क करेंगे और उस वक्त उन्होंने यह दलील दी कि मुख्यमंत्री बैठकों में और अन्य कार्यों में व्यस्त हैं ।'''' हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, ''''यह बड़ी विचि​त्र स्थिति है कि एक राज्य का मुख्यमंत्री दूसरे राज्य के अपने समकक्ष से बातचीत करना चाहता है, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद वह इसमें सफल नहीं हो पाता है । मैं छह साल से मुख्यमंत्री हूं । इससे पहले कभी ऐसी बात नहीं हुयी । हमने विपक्षी नेताओं के साथ भी बातचीत की ।'''' खट्टर ने कहा , ''''इससे पहले भी मैने पंजाब के मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर बातचीत की है, वह भी तब, जब वह व्यस्त थे । वह आधे या एक घंटे में वापस कॉल करते थे । इस बार तीन दिन तक उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया ।'''' साजिश का आरोप लगाते हुये खट्टर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी प्रदर्शनकारियों को निर्देश दे रहे थे।
एक अन्य सवाल के उत्तर में खट्टर ने जोर देकर कहा कि किसानों को केंद्र सरकार से बातचीत करनी चाहिये।

यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या किसान आंदोलन के ''''खालिस्तानी संबंध'''' के बारे में राज्य सरकार के पास कोई सूचना है तो खट्टर ने कहा, '''' हमारे पास ऐसी जानकारी है कि इस भीड़ में कुछ अनावश्यक तत्व भी घुस आए हैं।''''
उन्होंने कहा कि इस मामले पर अधिक टिप्पणी करने के लिए यह उचित समय नहीं है और सही समय पर इसका खुलासा किया जाएगा।
इस बीच, हरियाणा के गृह मंत्री ​अनिल विज ने अम्बाला में दावा किया कि देश के शेष हिस्से में किसान नये कृषि कानूनों को स्वीकार कर चुके हैं लेकिन पंजाब में अमरिंदर सिंह एवं राजनीतिक कारणों से किसान आंदोलन कर रहे हैं ।
विज ने उम्मीद जतायी कि किसानों को ब​हुत जल्दी यह महसूस होगा कि ये कानून उनके फायदे के लिये हैं ।

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PTI News Agency

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