अदालत ने नीतीश कटारा की मां की अर्जी पर केंद्र से जवाब देने को कहा
punjabkesari.in Friday, Nov 06, 2020 - 05:53 PM (IST)
नयी दिल्ली, छह नवम्बर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा की उस अर्जी पर केंद्र से जवाब देने के लिए कहा जिसमें उन्होंने केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह उन्हें उत्तराखंड में सुरक्षा प्रदान करे जहां वह जल्द स्थानांतरित हो रही हैं। नीतीश कटारा की हत्या कर दी गई थी।
न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और उसे खतरे का आकलन करने और एक निर्णय लेने के लिए कहा।
न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा, ‘‘जैसी उन्हें यहां सुरक्षा प्रदान की गई थी, उन्हें वहां भी प्रदान की जानी है।’’
अदालत ने मामले को 20 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, क्योंकि नीलम कटारा ने पीठ को बताया कि वह महीने के अंत में दिल्ली से देहरादून स्थानांतरित हो जाएंगी।
अदालत को बताया गया कि नीलम कटारा को 2002 से यहां सुरक्षा प्रदान की गई है।
नीलम कटारा के वकील ने कहा कि उन्हें अपने जीवन के लिए भय है और उच्च न्यायालय को केंद्रीय प्राधिकार को दोनों स्थानों, दिल्ली और देहरादून में सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने का अधिकार है।
वकील प्रदीप डे ने कहा कि वह वित्तीय और अन्य मुद्दों के कारण अपना निवास दिल्ली से देहरादून स्थानांतरित कर रही हैं।
केंद्र सरकार के स्थायी वकील गौरांग कांत ने कहा कि यह राज्य का मामला है और उन्हें उत्तराखंड के प्राधिकारियों को सुरक्षा के लिए प्रतिवेदन देना चाहिए।
तीन अक्टूबर, 2016 को उच्चतम न्यायालय ने विकास यादव और विशाल को नीतीश कटारा के सनसनीखेज अपहरण और हत्या में उनकी भूमिका के लिए छूट के लाभ के बिना 25 साल जेल की सजा सुनाई थी।
एक अन्य सह-दोषी सुखदेव पहलवान को भी मामले में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और उसे खतरे का आकलन करने और एक निर्णय लेने के लिए कहा।
न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा, ‘‘जैसी उन्हें यहां सुरक्षा प्रदान की गई थी, उन्हें वहां भी प्रदान की जानी है।’’
अदालत ने मामले को 20 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, क्योंकि नीलम कटारा ने पीठ को बताया कि वह महीने के अंत में दिल्ली से देहरादून स्थानांतरित हो जाएंगी।
अदालत को बताया गया कि नीलम कटारा को 2002 से यहां सुरक्षा प्रदान की गई है।
नीलम कटारा के वकील ने कहा कि उन्हें अपने जीवन के लिए भय है और उच्च न्यायालय को केंद्रीय प्राधिकार को दोनों स्थानों, दिल्ली और देहरादून में सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने का अधिकार है।
वकील प्रदीप डे ने कहा कि वह वित्तीय और अन्य मुद्दों के कारण अपना निवास दिल्ली से देहरादून स्थानांतरित कर रही हैं।
केंद्र सरकार के स्थायी वकील गौरांग कांत ने कहा कि यह राज्य का मामला है और उन्हें उत्तराखंड के प्राधिकारियों को सुरक्षा के लिए प्रतिवेदन देना चाहिए।
तीन अक्टूबर, 2016 को उच्चतम न्यायालय ने विकास यादव और विशाल को नीतीश कटारा के सनसनीखेज अपहरण और हत्या में उनकी भूमिका के लिए छूट के लाभ के बिना 25 साल जेल की सजा सुनाई थी।
एक अन्य सह-दोषी सुखदेव पहलवान को भी मामले में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
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