दिल्ली दंगा : घायल व्यक्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश पर अदालत ने रोक लगाई
punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 11:37 PM (IST)
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों के दौरान गोली लगने से घायल हुए व्यक्ति के मामले में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी आदेश पर यहां की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। दंगों के दौरान हमले में गोली लगने से व्यक्ति की आंख में चोट आयी थी।
अदालत ने कहा कि इस मामले में पीड़ित मोहम्मद नासिर की शिकायत पर पहले ही भजनपुरा थाने में संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।
नासिर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि दंगों के दौरान नरेश त्यागी, सुभाष त्यागी, उत्तम त्यागी और सुशील की अगुवाई वाली भीड़ ने उस पर हमला किया था। साथ ही दावा किया कि इस मामले में पुलिस ने अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
मजिस्ट्रेट अदालत ने 21 अक्टूबर को भजनपुरा थाने के प्रभारी को आदेश प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने मजिस्ट्रेट अदालत के निर्देशों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी और शिकायतकर्ता नासिर को नोटिस जारी कर छह नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा। पुलिस ने 21 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक नरेश कुमार गौड़ ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर इस मामले में पहले ही प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में एक ही घटना की दो प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अदालत ने कहा कि इस मामले में पीड़ित मोहम्मद नासिर की शिकायत पर पहले ही भजनपुरा थाने में संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।
नासिर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि दंगों के दौरान नरेश त्यागी, सुभाष त्यागी, उत्तम त्यागी और सुशील की अगुवाई वाली भीड़ ने उस पर हमला किया था। साथ ही दावा किया कि इस मामले में पुलिस ने अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
मजिस्ट्रेट अदालत ने 21 अक्टूबर को भजनपुरा थाने के प्रभारी को आदेश प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने मजिस्ट्रेट अदालत के निर्देशों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी और शिकायतकर्ता नासिर को नोटिस जारी कर छह नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा। पुलिस ने 21 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक नरेश कुमार गौड़ ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर इस मामले में पहले ही प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में एक ही घटना की दो प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती हैं।
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