सरकर ने प्रशिक्षण से जुड़े निकायों, आकलन एजेंसियों के लिये नये नियम जारी किये
punjabkesari.in Tuesday, Oct 27, 2020 - 08:00 PM (IST)
नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को कौशल भारत मिशन के तहत बेहतर परिणाम और प्रक्रियाओं को मानकीकृत बनाने के लिये प्रशिक्षण के बारे में निर्णय लेने से जुड़े निकायों और आकलन एजेंसियों को मान्यता देने और नियमन को लेकर नये दिशानिर्देश जारी किये।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने अपने एकीकृत नियामक संस्थान राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के साथ मिलकर दिशानिर्देश और परिचालन नियमावली जारी की है। नियम प्रशिक्षण देने वाले निकायों को कार्य सुपुर्द करने से जुड़े निकायों और आकलन एजेंसियों को मान्यता और नियमन के लिये बनाये गये हैं। ये दोनों इकाइयां कौशल विकास परिवेश के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं।
दिशानिर्देश का मकसद देश में कौशल विकास परिवेश को मजबूत बनाना, उन निकायों के नियमन को सुदृढ़ करना है जो विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों को प्रमाणित करता है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे ने दिशानिर्देश जारी करने को लेकर आयोजित ‘ऑनलाइन’ सम्मेलन में कहा, ‘‘एनसीवीईटी के जरिये कौशल विकास के परिणाम में सुधार को लेकर आज (मंगलवार) जिन उपायों की घोषणा की गयी है, उससे आकलन और प्रमाणन की प्रक्रिया काफी प्रभावी होगी।’’
उन्होंने कहा कि सरकार कुशल कामगार तैयार करने पर ध्यान दे रही है। पिछले पांच साल में करीब 5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। देश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की संख्या 15,000 के करीब पहुंच गयी हैं, जिनमें 24 लाख सीट हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे देश में एक विविध कौशल परिवेश है जिसे संबंधित पक्षों और संगठनों से मदद मिलती है। इसीलिए, यह जरूरी है कि नीतियों के मामले में एक जीवंत व्यवस्था हो जो सुधारों को प्रोत्साहित करें और कौशल विकास नेटवर्क में महत्वपूर्ण बदलाव लाये।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने अपने एकीकृत नियामक संस्थान राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के साथ मिलकर दिशानिर्देश और परिचालन नियमावली जारी की है। नियम प्रशिक्षण देने वाले निकायों को कार्य सुपुर्द करने से जुड़े निकायों और आकलन एजेंसियों को मान्यता और नियमन के लिये बनाये गये हैं। ये दोनों इकाइयां कौशल विकास परिवेश के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं।
दिशानिर्देश का मकसद देश में कौशल विकास परिवेश को मजबूत बनाना, उन निकायों के नियमन को सुदृढ़ करना है जो विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों को प्रमाणित करता है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे ने दिशानिर्देश जारी करने को लेकर आयोजित ‘ऑनलाइन’ सम्मेलन में कहा, ‘‘एनसीवीईटी के जरिये कौशल विकास के परिणाम में सुधार को लेकर आज (मंगलवार) जिन उपायों की घोषणा की गयी है, उससे आकलन और प्रमाणन की प्रक्रिया काफी प्रभावी होगी।’’
उन्होंने कहा कि सरकार कुशल कामगार तैयार करने पर ध्यान दे रही है। पिछले पांच साल में करीब 5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। देश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की संख्या 15,000 के करीब पहुंच गयी हैं, जिनमें 24 लाख सीट हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे देश में एक विविध कौशल परिवेश है जिसे संबंधित पक्षों और संगठनों से मदद मिलती है। इसीलिए, यह जरूरी है कि नीतियों के मामले में एक जीवंत व्यवस्था हो जो सुधारों को प्रोत्साहित करें और कौशल विकास नेटवर्क में महत्वपूर्ण बदलाव लाये।’’
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