मायापुरी में औद्योगिक प्रदूषण के आरोपों से संबंधित याचिका पर एनजीटी ने डीपीसीसी से रिपोर्ट मांगी
punjabkesari.in Tuesday, Oct 27, 2020 - 06:53 PM (IST)
नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यहां मायापुरी और बवाना में औद्योगिक प्रदूषण के आरोपों से संबंधित याचिका पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) से रिपोर्ट मांगी है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने डीपीसीसी को दो महीने के अंदर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अधिकरण ने दिल्ली के निवासी वरुण की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली के मायापुरी, बवाना और आसपास के अन्य इलाकों में औद्योगिक इकाइयों को औद्योगिक प्रदूषण से संबंधित निर्देशों का पालन करने के लिये कहा जाए।
अधिकरण ने डीपीसीसी से इस बारे में रिपोर्ट मांगी थी। डीपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार नियमों का उल्लंघन करती पाई गईं सात इकाईयों के खिलाफ सुधारात्मक कार्रवाई की गई है और उन्हें मुआवजा देने के लिये भी कहा गया है।
याचिकाकर्ता ने डीपीसीसी के जवाब के खिलाफ अब कहा है कि उसने सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी, जिसमें पता चला कि अभी तक कार्रवाई नहीं की गई।
पीठ ने कहा, ''''उपरोक्त दलीलों को मद्देनजर रखते हुए डीपीसीसी ई-मेल के जरिये दो महीने के अंदर अपना जवाब दाखिल करे।''''
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने डीपीसीसी को दो महीने के अंदर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अधिकरण ने दिल्ली के निवासी वरुण की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली के मायापुरी, बवाना और आसपास के अन्य इलाकों में औद्योगिक इकाइयों को औद्योगिक प्रदूषण से संबंधित निर्देशों का पालन करने के लिये कहा जाए।
अधिकरण ने डीपीसीसी से इस बारे में रिपोर्ट मांगी थी। डीपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार नियमों का उल्लंघन करती पाई गईं सात इकाईयों के खिलाफ सुधारात्मक कार्रवाई की गई है और उन्हें मुआवजा देने के लिये भी कहा गया है।
याचिकाकर्ता ने डीपीसीसी के जवाब के खिलाफ अब कहा है कि उसने सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी, जिसमें पता चला कि अभी तक कार्रवाई नहीं की गई।
पीठ ने कहा, ''''उपरोक्त दलीलों को मद्देनजर रखते हुए डीपीसीसी ई-मेल के जरिये दो महीने के अंदर अपना जवाब दाखिल करे।''''
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