प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के तेल, गैस क्षेत्र के दिग्गजों के साथ ऊर्जा की स्थिति पर किया मंथन

punjabkesari.in Monday, Oct 26, 2020 - 10:47 PM (IST)

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को महामारी के बाद की वैश्विक व्यवस्था पर दुनिया के ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों के साथ मंथन किया। उन्होंने तेल एवं गैस से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के उपायों पर भी गहन चर्चा की।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेरा वीक के भारत ऊर्जा मंच की चौथी सालाना बैठक में मांग की स्थिति के साथ खासकर तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन क्षेत्र में निवेश को गति देने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।
प्रधानमंत्री की तेल क्षेत्र के दिग्गजों के साथ सुधारों और भविष्य की योजना के बारे में व्यापक चर्चा के कारण बैठक निर्धारित दो घंटे से अधिक समय तक चली।

‘ऑनलाइन’ हुई बैठक में ब्रिटेन की बीपी पीएलसी के प्रमुख बर्नार्ड लूनी, टोटल एसए फ्रांस के चेयरमैन और सीईओ पैट्रिक पोयाने और रूस की कंपनी रोसनेफ्ट के सीईओ और चेयरमैन इगोर सेचिन समेत दुनिया की शीर्ष तेल कंपनियों के प्रमुख शामिल हुए।

बैठक में अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) के सीईओ सुलतान अहमद अल जाबेर, कतर पेट्रोलियम के अध्यक्ष और सीईओ साद शेरिदा अल-काबी भी बैठक में शामिल हुए। भारतीय उद्योगपतियों में रिलायंस इंडस्ट्रील लि. के चेयरमैन मुकेश अंबानी और वेदांता रिर्सोसेज के प्रमुख अनिल अग्रवाल उपस्थित थे।

इसके अलावा, तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के महासचिव मोहम्मद सनुसी बरकिंडो और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतीह बिरोल तथा अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच के महासचिव जोसेफ मैक मोनिगले भी बैठक में उपस्थित थे।

अमेरिकी एलएनजी कंपनी तेलुरियन के सीईओ चैरिफ सोकी और लियोंडेल बासे इंडस्ट्रीज के सीईओ भावेश वी पटेल भी बैठक में शामिल हुए।
दुनिया में तीसरे सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और चौथा सबसे बड़ा तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयातक देश भारत तेल एवं गैस के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने को लेकर गंभीर है। इसमें खोज एवं उत्पादन से लेकर पाइपलाइन, रिफाइनरी और विपणन तथा ग्राहकों तक ईंधन की बेहतर पहुंच व्यवस्था शामिल हैं।

मोदी के साथ भारत ऊर्जा मंच की पहली बैठक 5 जनवरी, 2016 को हुई थी। उसमें प्राकृतिक गैस की कीमतों में सुधार के बारे में सुझाव दिया गया था। एक साल से कुछ अधिक समय बाद ही सरकार ने गहरे सागर जैसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिये उच्च मूल्य की अनुमति दी।

सूत्रों के अनुसार इस साल की बैठक में जोर घरेलू तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन में निवेश बढ़ाने पर था।

नीति आयोग और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा आयोजित इस बैठक में पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने तेल एवं गैस क्षेत्र की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी बैठक को संबोधित किया।



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PTI News Agency

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