डब्ल्यूटीओ सचिवालय में स्थिर है भारत के कर्मचारियों का अनुपात 25 साल से एक ही जगह अटका है

punjabkesari.in Sunday, Oct 25, 2020 - 05:11 PM (IST)

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सचिवालय में भारत के कर्मचारियों का अनुपात संख्या पिछले 25 साल से एक जगह स्थिर है।भारत ने इसे बढ़ाने के प्रबंध किए जान की वकालत की है।

भारत ने कहा है कि कम जनसंख्या वाले उसके समतुल्य देशों के अधिक कर्मचारी सचिवालय में हैं। ऐसा तब है जबकि भारत के पेशेवरों ने दुनिया भर में अपने कौशल व प्रतिभा की छोप छोड़ी है।

डब्ल्यूटीओ की बजट, वित्त एवं प्रशासन समिति की 22 अक्टूबर को हुई बैठक में भात ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले 25 साल से भारत समेत कई सदस्य देशों के कर्मचारियों की आनुपातिक संख्या स्थिर है। उदाहरण के लिये, 1995 में डब्ल्यूटीओ के कुल कर्मचारियों में भारत की हिस्सेदारी 2.2 प्रतिशत थी, जो अब कम होकर 2.1 प्रतिशत पर आ गयी है। मतलब कोई बदलाव नहीं, जबकि पेशेवर कर्मचारी क्षमता में भारत की हिस्सेदारी 1995 के 4.1 प्रतिशत से कम होकर 2019 में 3.5 प्रतिशत पर आ गयी है।’’
बजट, वित्त एवं प्रशासन समिति विश्व व्यापार संगठन के बजट और महानिदेशक द्वारा प्रस्तुत वित्तीय विवरण की समीक्षा करता है। यह वित्तीय और प्रशासनिक मामलों पर भी चर्चा करती है, जो सामान्य परिषद या महानिदेशक द्वारा इसके लिये संदर्भित हैं। सीबीएफए सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों के लिए खुला है। यह प्रति वर्ष सात से दस बार बैठक करती है।

भारत ने यह भी कहा कि कर्मचारियों की भर्तीं का रुख कुछ चुनिंदा सदस्यों के पक्ष में है। भारत ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि भारतीय या अन्य विकासशील देशों के लोगों की इस संगठन के सचिवालय में काम करने की पर्याप्त रुचि नहीं है। वास्तव में, 2019 में, कर्मचारियों की श्रेणियों में सबसे अधिक आवेदक भारत से थे।"
भारत ने कहा ऐसे महज पांच देश, जिनकी सदस्यता में हिस्सेदारी महज तीन प्रतिशत है, कर्मचारियों की संख्या में उनकी हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है। आश्चर्य नहीं कि ये सभी विकसित देश हैं।

भारत ने कहा, ‘‘अत: हम सचिवालय की विविधता बढ़ाने के लिये और अधिक उपायों व सक्रिय प्रयासों का आह्वान करते हैं। हम सचिवालय के साथ मिलकर उस विविधता को प्राप्त करने की दिशा में काम करेंगे, डब्ल्यूटीओ वास्तव में जिसका हकदार है।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Recommended News

Related News