सरकार ने कंपनियों पर खुद की प्राकृतिक गैस, सीबीएम खरीदने पर लगाई रोक

punjabkesari.in Tuesday, Oct 20, 2020 - 07:23 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 अक्ट्रबर (भाषा) सरकार ने गैस विपणन मामले में दी गई आजादी से संबंधित नये अधिसूचित दिशानिर्देशों में प्राकृतिक गैस और कोल बैड मीथेन (सीबीएम) के उत्पादकों को खुद की गैस खरीदने पर रोक लगा दी है।

सरकार ने 15 अक्टूबर को प्राकृतिक गैस विपणन सुधार को अधिसूचित करते हुये गैस उत्पादकों को एक मानक ई- बोली प्रक्रिया के जरिये गैस का बाजार मूल्य खोजने की आजादी दी थी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गैस क्षेत्र में इन सुधारों को मंजूरी दी थी। इसके बाद इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई। इसके तहत गैस उत्पादकों को उनकी सहयोगी इकाइयों सहित किसी को भी गैस बेचने की छूट दी गई थी।
अधिसूचित दिशानिर्देशों में यह कहा गया कि गैस उत्पादक और उसके गैस क्षेत्र समूह में शामिल किसी भी सदस्य को गैस के लिये बोली लगाने अथवा खरीदारी करने की अनुमति नहीं होगी।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘उत्पादकों के सहयोगियों को गैस की बिक्री की अनुमति होगी बशर्ते कि उत्पादक की सहयोगी कंपनी ने खुली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में भागीदारी की हो।’’
हालांकि, गैस क्षेत्र के ठेकेदार और उसके साथ जुड़ी कंपनियों को को बोली प्रक्रिया में भागीदारी के लिये पात्र नहीं माना जायेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘खरीदार और विक्रेता एक ही कंपनी नहीं हो सकती है।’’
अधिसूचना में कहा गया है कि ये दिशानिर्देश न केवल परंपरागत प्राकृतिक गैस के मामले में लागू होंगे बल्कि कोल बैड मीथेन (सीबीएम) पर भी नये दिशानिर्देश लागू होंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश स्थित अपने सोहागपुर पूर्वी और सोहागपुर पश्चिम सीबीएम ब्लॉक से निकलने वाली पूरी गैस को खरीद लिया था। कंपनी ने इस गैस का इस्तेमाल महाराष्ट्र स्थित अपने पातालगंगा और नागोथाने पेट्रोरसायन संयंत्र तथा गुजरात के वड़ोदरा एवं जामनगर स्थित संयंत्रों में किया।
रिलायंस ने तब सार्वजनिक क्षेत्र की गैस वितरण कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड को बोली में पछाड़ दिया था और सोहागपुर से निकलने वाली गैस को मार्च 2021 तक के लिये हासिल कर लिया था। गेल ने रिलायंस की इस पहल की आलोचना की थी। उसका कहना था कि खुद की गैस खरीदने में रिलायंस को 14 प्रतिशत का कर लाभ मिलेगा क्योंकि एक ही कंपनी समूह के भीतर स्टॉक स्थानांतरण पर वैट लागू नहीं होता है। बाद में सरकार ने इस मामले में रिलायंस से स्पष्टीकरण भी मांगा था।

इस तरह की खामियों को दूर करने के लिये ही 15 अक्टूबर की अधिसूचना में यह व्यस्था दी गई है कि इन नये बदलावों के साथ ही बिक्री की प्रक्रिया के संबंध में 11 अप्रैल 2017 की अधिसूचना में सीबीएम ब्लॉक के जल्द मौद्रीकरण को भी संशोधित कर दिया गया है।

नये दिशानिर्देशों में गैस उत्पादक क्षेत्र के ठेकेदार को इलेक्ट्रानिक बोलियों के जरिये प्राकृतिक गैस बिक्री की व्यवस्था दी गई है। इसमें पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बोलियों के जरिये बाजार मूल्य की खोज की जायेगी। बोली प्रक्रिया एक स्वतंत्र एजेंसी के जरिये चलाई जायेगी। यह स्वतंत्र एजेंसी हाइड्राकोर्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के पैनल में शामिल एजेंसियों में से होनी चाहिये।



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PTI News Agency

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