भारत, फ्रांस अंतरराष्ट्रीय सौर संघ के फिर से अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष चुने गये
punjabkesari.in Wednesday, Oct 14, 2020 - 09:23 PM (IST)
नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) भारत और फ्रांस को अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) का दो साल के लिये फिर से अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष चुना गया है। आईएसए के बुधवार को हुए तीसरे सम्मेलन (एसेंबली) में चार नये उपाध्यक्षों का भी चयन किया गया।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आईएसए के तीसरे सम्मेलन में 34 सदस्य देशों के मंत्रियों ने भाग लिया। कुल 53 सदस्य देशों और पांच हस्ताक्षरकर्ता और संभावित सदस्य देश सम्मेलन में शामिल हुए।
वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित बैठक में भारत और फ्रांस को दो साल के लिये फिर से आईएसए का अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष चुना गया गया।
चार नये उपाध्यक्षों का भी चयन किया गया जो आईएसए के चार क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
फिजी और नौरू के प्रतिनिधि उपाध्यक्ष के रूप में एशिया प्रशांत क्षेत्र, मारीशस और नाइजर अफ्रीका क्षेत्र, ब्रिटेन और नीदरलैंड यूरोप तथा अन्य क्षेत्र, क्यूबा और गुएना के प्रतिनिधि उपाध्यक्ष के रूप में लातिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।
एसेंबली ने सतत जलवायु कार्यवाह के लिये गठबंधन (सीएससीए) के जरिये निजी और सार्वजनिक कंपनी क्षेत्र के साथ आईएसए की भागीदारी के को संस्थागत रूप से देने की अंतरराष्ट्रीय सौर संघ सचिवालय की पहल को भी मंजूरी दी।
इस दौरान भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 संगठनों ने 10-10 लाख डॉलर के चेक प्रदान किये।
आईएसए एसेंबली के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए भारत के बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल में सौर ऊर्जा के क्षेत्र लंबा रास्ता तय किया और अब यह दुनिया में तेजी से वृद्धि वाला ऊर्जा स्रोत है।
उन्होंने कहा, ‘‘सौर ऊर्जा वैश्विक ऊर्जा में करीब 2.8 प्रतिशत का योगदान दे रहा है और अगर यह प्रवृत्ति बनी रही तो दुनिया के बड़े हिस्से में बिजली उत्पादन में 2030 तक यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होगा।’’
सिंहं ने कहा कि सौर ऊर्जा से संबद्ध विभिन्न पहुलओं से जुड़े छह कार्यक्रमों और दो परियोजनाओं पर काम जारी है।
सिंचाई, प्रकाश, पेय जल और आईएसए सदस्य देशों की उत्पादक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने को लेकर एक मजबूत सौर ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिये 5 अरब डॉलर से अधिक का ढांचा तैयार किया गया है।
एसेंबली की सह-अध्यक्ष और फ्रांस के पारिस्थितिकी मामलों की मंत्री बारबरा पोमपिली ने आईएसए सदस्य देशों में सौर परियोजनाओं के लिये 2022 तक 1.5 अरब यूरो की प्रतिबद्धता दोहरायी। उन्होंने कहा कि इसमें से 1.15 अरब यूरो परियोजनाओं को ठोस रूप देने में खर्च किया जाएगा।
फ्रांस ने वित्त पोषण को लेकर विश्वबैंक के साथ गठजोड़ का भी समर्थन किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आईएसए के तीसरे सम्मेलन में 34 सदस्य देशों के मंत्रियों ने भाग लिया। कुल 53 सदस्य देशों और पांच हस्ताक्षरकर्ता और संभावित सदस्य देश सम्मेलन में शामिल हुए।
वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित बैठक में भारत और फ्रांस को दो साल के लिये फिर से आईएसए का अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष चुना गया गया।
चार नये उपाध्यक्षों का भी चयन किया गया जो आईएसए के चार क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
फिजी और नौरू के प्रतिनिधि उपाध्यक्ष के रूप में एशिया प्रशांत क्षेत्र, मारीशस और नाइजर अफ्रीका क्षेत्र, ब्रिटेन और नीदरलैंड यूरोप तथा अन्य क्षेत्र, क्यूबा और गुएना के प्रतिनिधि उपाध्यक्ष के रूप में लातिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।
एसेंबली ने सतत जलवायु कार्यवाह के लिये गठबंधन (सीएससीए) के जरिये निजी और सार्वजनिक कंपनी क्षेत्र के साथ आईएसए की भागीदारी के को संस्थागत रूप से देने की अंतरराष्ट्रीय सौर संघ सचिवालय की पहल को भी मंजूरी दी।
इस दौरान भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 संगठनों ने 10-10 लाख डॉलर के चेक प्रदान किये।
आईएसए एसेंबली के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए भारत के बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल में सौर ऊर्जा के क्षेत्र लंबा रास्ता तय किया और अब यह दुनिया में तेजी से वृद्धि वाला ऊर्जा स्रोत है।
उन्होंने कहा, ‘‘सौर ऊर्जा वैश्विक ऊर्जा में करीब 2.8 प्रतिशत का योगदान दे रहा है और अगर यह प्रवृत्ति बनी रही तो दुनिया के बड़े हिस्से में बिजली उत्पादन में 2030 तक यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होगा।’’
सिंहं ने कहा कि सौर ऊर्जा से संबद्ध विभिन्न पहुलओं से जुड़े छह कार्यक्रमों और दो परियोजनाओं पर काम जारी है।
सिंचाई, प्रकाश, पेय जल और आईएसए सदस्य देशों की उत्पादक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने को लेकर एक मजबूत सौर ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिये 5 अरब डॉलर से अधिक का ढांचा तैयार किया गया है।
एसेंबली की सह-अध्यक्ष और फ्रांस के पारिस्थितिकी मामलों की मंत्री बारबरा पोमपिली ने आईएसए सदस्य देशों में सौर परियोजनाओं के लिये 2022 तक 1.5 अरब यूरो की प्रतिबद्धता दोहरायी। उन्होंने कहा कि इसमें से 1.15 अरब यूरो परियोजनाओं को ठोस रूप देने में खर्च किया जाएगा।
फ्रांस ने वित्त पोषण को लेकर विश्वबैंक के साथ गठजोड़ का भी समर्थन किया है।
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