आईबीसी कानून के व्यक्तिगत गारंटी प्रावधानों पर दायर याचिका पर न्यायालय ने मांगा केंद्र से जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Sep 23, 2020 - 09:26 PM (IST)

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के पूर्व चेयरमैन संजय सिंघल की याचिका पर केंद्र और आईबीबीआई से जवाब मांगा है। सिंघल ने अपनी याचिका में कॉरपोरेट कर्जदारों के गारंटरों के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालिया कार्रवाई के प्रावधानों को चुनौती दी है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने नोटिस जारी किया और कानून एवं न्याय मंत्रालय, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, भारतीय दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिये कहा।
अदालत ने मामले को छह अक्टूबर को आगे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत ने एसबीआई द्वारा आईबीसी कानून के प्रावधान के तहत व्यक्तिगत गारंटी का उपयोग किये जाने के संबंध में सिंघल को जारी नोटिस पर फिलहान इस स्तर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

याचिका में दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) कि उन विभिन्न धाओं को रद्द करने की मांग की गयी है, जो कॉरपोरेट कर्जदारों के व्यक्तिगत गारंटरों पर लागू होती हैं।

याचिका में कहा गया है कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड की कार्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया लंबित होने के बीच ही स्टेट बैंक ने रिण वसूली न्यायाधिकरण में सिंगल के खिलाफ उनके द्वारा दी गई विभिन्न गारंटियों को भुनाने के लिये वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी।
सिंगल ने स्टेट बैंक से भूषण पावर एण्ड स्टील के लिये लिये गये कुछ कर्जों में व्यक्तिगत रूप से गारंटी दी थी।


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PTI News Agency

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