वोडाफोन-आइडिया की जारी प्योरिटी प्लान पर TRAI ने कोई आपत्ति नही जतायी थी: एयरटेल

punjabkesari.in Wednesday, Aug 12, 2020 - 01:47 PM (IST)

नई दिल्ली: एयरटेल ने पुरजोर तरीके से अपने प्रीमियम प्लैटिनम योजना का बचाव किया है। कंपनी ने कहा है कि उसने यह योजना इस समझ के साथ लायी थी कि नियामक को इस प्रकार की सेवा को लेकर आपत्ति नहीं है क्योंकि इस प्रकार की योजना वोडाफोन-आइडिया आठ-नौ महीने से चला रही थी।

भारत दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) फिलहाल वोडाफोन आइडिया की प्राथमिकता वाली योजना रेडएक्स और भारती एयरटेल की प्लैटिनम पेशकश की जांच कर रही है। नियामक इस बात का पता लगा रही है कि क्या अगर कुछ ग्राहकों को नेटवर्क में प्राथमिकता दी गयी तो उससे दूसरे ग्राहकों की सेवा प्रभावित तो नहीं हुई या नियमों का कोई उल्लंघन तो नहीं हुआ है? नियामक ने दोनों परिचालकों को विवादस्पद मामले में प्रश्न भेजकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और अपनी बातों के समर्थन में प्रासंगिक आंकड़े देने को कहा है।

एयटेल ने ट्राई को लेकर खड़े किए सवाल
ट्राई के समक्ष 10 अगस्त को अपनी बातें रखते हुए एयरटेल ने कहा उसने यह योजना इस समझ के साथ लायी थी कि नियामक को इस प्रकार की सेवा से कोई समस्या नहीं है क्योंकि इस प्रकार की योजना वोडाफोन-आइडिया आठ-नौ महीने से चला रही थी और ट्राई ने इसको लेकर कोई आपत्ति नहीं जतायी थी। भारती ने कहा कि वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने रेड एक्स योजना नवंबर, 2019 में शुरू की और एयरटेल ने तीन जुलाई, 2020 को अपनी प्लैटिनम योजना पेश की थी।

एयरटेल ने नियामक के सामने रखी बातें
एयरटेल के अनुसार उसकी पेशकश ट्रई के नियमों के अनुरूप थी और उसने कहीं भी न्यूनतम गति (इंटरनेट की) बात नहीं कही क्योंकि वायरलेस नेटवर्क में यह निर्धारित करना मुश्किल था। एयरटेल ने नियामक के समक्ष अपनी बातें रखी है, उसकी प्रति पीटीआई-भाषा के पास है। इस बारे में एयरटेल को ई-मेल के जरिये सवाल पूछा गया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। कंपनी के अनुसार उसने ग्राहकों से गारंटीशुदा इंटरनेट की गति का वादा नहीं किया। इस बीच, वोडाफोन-आइडिया लि. ने कहा है कि उसकी नई टैरिफ योजना कोई नई सेवा नहीं है। कंपनी की प्राथमिकता वाली योजना भी ट्राई की जांच के घेरे में है।

दूरसंचार कंपनियां वित्तीय दबाव
नियामक के समक्ष वोडाफोन-आइडिया ने कहा कि उसकी जैसी दूरसंचार कंपनियां वित्तीय दबाव में है। कंपनियों को कीमत घटानी पड़ रही है और लागत के नीचे ले जाना पड़ा है। कंपनियों के समक्ष दोहरी समस्या है, एक तरफ उन्हें डेटा उपयोग में अप्रत्याशित वृद्धि को पूरा करने के लिये लगातार निवेश करना है और दूसरी तरफ शुल्क लागत को भी कम रखना है। कंपनी ने ट्राई से सेवा गुणवत्ता पर निरंतर दी जा रही रिपोर्ट और अन्य उपलब्ध करायी गयी सामग्री पर विचार कर निष्कर्ष पर पहुंचने का आग्रह किया है। वोडाफोन-आइडिया को ई-मेल के जरिये सवाल भेजे गये, लेकिन उनकी तरफ से अबतक कोई जवाब नहीं आया।


 


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Author

rajesh kumar

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