करात की याचिका पर कानून के अनुसार फैसला करें : उच्च न्यायालय ने मजिस्ट्रेट की अदालत से कहा

punjabkesari.in Wednesday, Aug 05, 2020 - 01:45 PM (IST)

नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के संबंध में कथित घृणा भाषणों के लिए भाजपा नेता अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने की मांग वाली माकपा नेता वृंदा करात की याचिका पर बुधवार को मजिस्ट्रेट की अदालत से कानून के अनुसार फैसला करने के लिए कहा।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने ये निर्देश तब दिए जब करात के वकील ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह मजिस्ट्रेट की अदालत से उनके मुवक्किल की शिकायत पर फैसला करने के लिए कह कर मामले का निस्तारण करें।

करात के वकील ने पीठ को बताया कि मजिस्ट्रेट की अदालत ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद उनकी याचिका पर फैसला 26 फरवरी को सुरक्षित रख लिया था लेकिन आदेश नहीं सुनाया क्योंकि उच्च न्यायालय में ऐसे ही मामले लंबित हैं।

माकपा नेता के अनुरोध पर उच्च न्यायालय ने मस्जिट्रेट की अदालत से करात की याचिका पर ‘‘कानून, नियमों और मामले में लागू सरकारी नीति के अनुसार तथा जल्द से जल्द’’ फैसला देने के लिए कहा।

इस निर्देश के साथ उच्च न्यायालय ने करात की याचिका का निस्तारण कर दिया।

याचिका में पुलिस को ठाकुर तथा वर्मा के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने की करात की याचिका के अलावा पीठ कई अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रही है जिसमें इन दोनों भाजपा नेताओं के साथ ही उनकी पार्टी के कपिल मिश्रा तथा अभय वर्मा पर भी कथित घृणा भाषण देने के लिए कार्रवाई करने की मांग की गई।
ठाकुर तथा वर्मा के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने की करात की याचिका का निस्तारण करते हुए अदालत ने कहा कि बाकी सभी याचिकाओं पर 24 अगस्त को सुनवाई की जाएगी।



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PTI News Agency

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