सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के परिणाम घोषित, आईआरएस अधिकारी प्रदीप सिंह ने शीर्ष स्थान हासिल किया
punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 06:15 PM (IST)
नयी दिल्ली, 4 अगस्त (भाषा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के परिणाम घोषित कर दिये। भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी प्रदीप सिंह ने इस परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
यूपीएससी ने बयान जारी कर परीक्षा परिणाम की जानकारी दी।
बयान के अनुसार, जतिन किशोर ने द्वितीय और प्रतिभा वर्मा ने तृतीय स्थान हासिल किया है। किशोर और प्रतिभा वर्मा भी सेवारत अधिकारी हैं । सिंह हरियाणा के निवासी हैं जबकि किशोर दिल्ली और वर्मा उत्तर प्रदेश से हैं ।
सिंह ने सोनीपत से फोन पर ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘ यह एक सपने के साकार होने जैसा है । यह सुखद आश्चर्य है । मैं हमेशा आईएएस अधिकारी बनना चाहता था । मैं समाज के कमजोर वर्गों के लिये काम करना चाहूंगा।’’ भारतीय राजस्व सेवा के 2019 बैच के अधिकारी 29 वर्षीय सिंह अभी फरीदाबाद में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नार्कोटिक्स अकादमी में पर्यवेक्षण पर हैं ।
उन्होंने कहा कि उनका जोर शिक्षा और कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने पर होगा क्योंकि वे भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनेंगे ।
सिंह ने कहा, ‘‘ मैंने आईएएस के लिये प्रदेश कैडर के रूप में अपने गृह राज्य हरियाणा को चुना है। मुझे खुशी है कि मुझे अपने राज्य के लिये काम करने का अवसर मिलेगा । ’’ उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिये छुट्टी ली थी ।
यूपीएससी परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाले जतिन किशोर भारतीय आर्थिक सेवा (आईईएस) के 2018 बैच के अधिकारी हैं और अभी ग्रामीण विकास मंत्रालय में सहायक निदेशक के पद पर हैं ।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ सिविल सेवा परीक्षा के लिये यह मेरा दूसरा प्रयास था । मुझे प्रसन्नता है कि मुझे द्वितीय स्थान मिला । ’‘
26 वर्षीय किशोर ने कहा कि शिक्षा और पर्यावरण उनके लिये मुख्य क्षेत्र होगा ।
वहीं, भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) की अधिकारी वर्मा ने कहा कि वह बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी ।
उन्होंने कहा, ‘‘ किसी भी संकट के समय आईएएस अधिकारी जिस तरह सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हैं, उससे मैं काफी प्रभावित रही । वे कठिन परिस्थिति में हमेशा अग्रिम मोर्चे पर रहते हैं । इसीलिए मैंने फिर परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया (आईआरएस में चयन होने के बाद) । ’’
वर्मा को यूपीएससी की 2018 की परीक्षा में 489वीं रैंक हासिल हुई थी।
उन्होंने कहा कि वह महिला सशक्तिकरण और बच्चों से जुड़े विषयों और खासकर अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में काम करना चाहूंगी ।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की निवासी वर्मा ने कहा कि उनके माता पिता ने सिविल सेवा के लिये प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ।
यूपीएससी के अनुसार, कुल 829 प्रतिभागियों की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित अन्य सिविल सेवाओं के लिए अनुशंसा की गई है।
कुल उत्तीर्ण प्रतिभागियों में 304 सामान्य श्रेणी, 78 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), 251 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 129 अनुसूचित जाति, 67 अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हैं ।
बयान के अनुसार, 182 अन्य प्रतिभागियों को आरक्षित (रिजर्व) सूची में रखा गया है। सरकार द्वारा घोषित 927 रिक्तियों के लिये चयन किया गया है।
यूपीएससी ने कहा, ‘‘11 प्रतिभागियों का परिणाम रोका गया है।’’ सिविल सेवा परीक्षा हर साल तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिसमें प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल होता है। इसमें चयनित उम्मीदवार प्रतिष्ठित लोक सेवा में योगदान करते हैं ।
परिणाम यूपीएससी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
आयोग ने कहा, ‘‘परीक्षा में प्राप्त अंक परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि से 15 दिनों के भीतर वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
यूपीएससी ने बयान जारी कर परीक्षा परिणाम की जानकारी दी।
बयान के अनुसार, जतिन किशोर ने द्वितीय और प्रतिभा वर्मा ने तृतीय स्थान हासिल किया है। किशोर और प्रतिभा वर्मा भी सेवारत अधिकारी हैं । सिंह हरियाणा के निवासी हैं जबकि किशोर दिल्ली और वर्मा उत्तर प्रदेश से हैं ।
सिंह ने सोनीपत से फोन पर ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘ यह एक सपने के साकार होने जैसा है । यह सुखद आश्चर्य है । मैं हमेशा आईएएस अधिकारी बनना चाहता था । मैं समाज के कमजोर वर्गों के लिये काम करना चाहूंगा।’’ भारतीय राजस्व सेवा के 2019 बैच के अधिकारी 29 वर्षीय सिंह अभी फरीदाबाद में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नार्कोटिक्स अकादमी में पर्यवेक्षण पर हैं ।
उन्होंने कहा कि उनका जोर शिक्षा और कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने पर होगा क्योंकि वे भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनेंगे ।
सिंह ने कहा, ‘‘ मैंने आईएएस के लिये प्रदेश कैडर के रूप में अपने गृह राज्य हरियाणा को चुना है। मुझे खुशी है कि मुझे अपने राज्य के लिये काम करने का अवसर मिलेगा । ’’ उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिये छुट्टी ली थी ।
यूपीएससी परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाले जतिन किशोर भारतीय आर्थिक सेवा (आईईएस) के 2018 बैच के अधिकारी हैं और अभी ग्रामीण विकास मंत्रालय में सहायक निदेशक के पद पर हैं ।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ सिविल सेवा परीक्षा के लिये यह मेरा दूसरा प्रयास था । मुझे प्रसन्नता है कि मुझे द्वितीय स्थान मिला । ’‘
26 वर्षीय किशोर ने कहा कि शिक्षा और पर्यावरण उनके लिये मुख्य क्षेत्र होगा ।
वहीं, भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) की अधिकारी वर्मा ने कहा कि वह बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी ।
उन्होंने कहा, ‘‘ किसी भी संकट के समय आईएएस अधिकारी जिस तरह सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हैं, उससे मैं काफी प्रभावित रही । वे कठिन परिस्थिति में हमेशा अग्रिम मोर्चे पर रहते हैं । इसीलिए मैंने फिर परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया (आईआरएस में चयन होने के बाद) । ’’
वर्मा को यूपीएससी की 2018 की परीक्षा में 489वीं रैंक हासिल हुई थी।
उन्होंने कहा कि वह महिला सशक्तिकरण और बच्चों से जुड़े विषयों और खासकर अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में काम करना चाहूंगी ।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की निवासी वर्मा ने कहा कि उनके माता पिता ने सिविल सेवा के लिये प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ।
यूपीएससी के अनुसार, कुल 829 प्रतिभागियों की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित अन्य सिविल सेवाओं के लिए अनुशंसा की गई है।
कुल उत्तीर्ण प्रतिभागियों में 304 सामान्य श्रेणी, 78 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), 251 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 129 अनुसूचित जाति, 67 अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हैं ।
बयान के अनुसार, 182 अन्य प्रतिभागियों को आरक्षित (रिजर्व) सूची में रखा गया है। सरकार द्वारा घोषित 927 रिक्तियों के लिये चयन किया गया है।
यूपीएससी ने कहा, ‘‘11 प्रतिभागियों का परिणाम रोका गया है।’’ सिविल सेवा परीक्षा हर साल तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिसमें प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल होता है। इसमें चयनित उम्मीदवार प्रतिष्ठित लोक सेवा में योगदान करते हैं ।
परिणाम यूपीएससी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
आयोग ने कहा, ‘‘परीक्षा में प्राप्त अंक परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि से 15 दिनों के भीतर वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।