ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाई जाए, वेतन और कृषि आय को शामिल नहीं हो : संसदीय समिति

punjabkesari.in Saturday, Aug 01, 2020 - 12:27 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) संसद की एक समिति ने सिफारिश की है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के लिए क्रीमी लेयर की सीमा को आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया जाए तथा वार्षिक आय के निर्धारण में वेतन एवं कृषि से होने वाली आमदनी को शामिल नहीं किया जाए।
पिछड़ा वर्ग कल्याण से संबंधित स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में ये अनुशंसा की है।

ओबीसी वर्ग से संबंध रखने वालों के लिए शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है, हालांकि आठ लाख रुपये से अधिक की सालाना आमदनी वाले परिवार क्रीमी लेयर में आते हैं।

भाजपा सांसद गणेश सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने भारत सरकार के तहत आने वाली सेवाओं एवं पदों पर ओबीसी के लिए रोजगार में क्रीमी लेयर को तर्कसंगत बनाने संबंधी रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि क्रीमी लेयर की सीमा आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी जाए।

सूत्रों के मुताबिक, स्थायी समिति ने यह सिफारिश भी की है कि क्रीमी लेयर की सीमा का आकलन करते समय वेतन एवं कृषि होने वाली आय को शामिल नहीं किया जाए।

समिति के सदस्य विशंभर प्रसाद निषाद ने पीटीआई भाषा को बताया कि सभी सदस्यों की आम राय थी कि क्रीमी लेयर की सीमा आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जाए क्योंकि इससे नौकरी अथवा शिक्षण संस्थान में प्रवेश के लिए ओबीसी श्रेणी के तहत आवेदकों की संख्या में काफी गिरावट आ जाती है।

सूत्रों ने यह भी कहा कि समिति के कुछ सदस्य क्रीमी लेयर की व्यवस्था से सहमत नहीं थे क्योंकि उनका कहना था कि अरक्षण आर्थिक विषमता नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से पिछड़ेपन पर आधारित है।



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PTI News Agency

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