सीबीआई ने 190 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में दिल्ली-एनसीआर में तलाशी ली
punjabkesari.in Friday, Jul 24, 2020 - 10:43 PM (IST)
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) सीबीआई ने 190 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तीन स्थानों पर तलाशी ली।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर श्री सिद्धदाता इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, गोवर्धन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, श्री सिद्धदाता स्टील ट्यूब्स, सुदर्शन ट्यूब्स और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तलाशी ली।
अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने कंपनियों के निदेशकों ओम प्रकाश गुप्ता, प्रदीप कुमार गुप्ता, राजेश कुमार गुप्ता, सुरेश कुमार गुप्ता, मंजू गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ भी मामले दर्ज किये हैं।
अधिकारियों के मुताबिक कंपनियों द्वारा बैंक से लिया गया कर्ज 2013-14 में गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) बन गया था।
उन्होंने बताया कि बैंक ने फोरेंसिक ऑडिट किया जिसमें बही-खातों के रख-रखाव में अनियमितताएं, फर्जी लेनदेन आदि की बात सामने आई।
सीबीआई प्रवक्ता आर के गौर ने कहा, ‘‘शिकायत में आरोप था कि आरोपियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ फर्जी दस्तावेज जमा करने के आधार पर अनेक ऋण सुविधाओं का लाभ लेकर 190.76 करोड़ रुपये (ब्याज समेत) की धोखाधड़ी की।’’
उन्होंने कहा कि यह भी आरोप है कि उन्होंने जिस मकसद से कर्ज लिया था, उसके इतर धन का उपयोग कहीं और किया।
गौर ने कहा, ‘‘आज नोएडा में दो स्थानों पर और दिल्ली में एक स्थान पर तलाशी ली गयीं जिसमें अपराध की ओर इशारा करने वाले दस्तावेज/सामग्री मिली हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर श्री सिद्धदाता इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, गोवर्धन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, श्री सिद्धदाता स्टील ट्यूब्स, सुदर्शन ट्यूब्स और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तलाशी ली।
अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने कंपनियों के निदेशकों ओम प्रकाश गुप्ता, प्रदीप कुमार गुप्ता, राजेश कुमार गुप्ता, सुरेश कुमार गुप्ता, मंजू गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ भी मामले दर्ज किये हैं।
अधिकारियों के मुताबिक कंपनियों द्वारा बैंक से लिया गया कर्ज 2013-14 में गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) बन गया था।
उन्होंने बताया कि बैंक ने फोरेंसिक ऑडिट किया जिसमें बही-खातों के रख-रखाव में अनियमितताएं, फर्जी लेनदेन आदि की बात सामने आई।
सीबीआई प्रवक्ता आर के गौर ने कहा, ‘‘शिकायत में आरोप था कि आरोपियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ फर्जी दस्तावेज जमा करने के आधार पर अनेक ऋण सुविधाओं का लाभ लेकर 190.76 करोड़ रुपये (ब्याज समेत) की धोखाधड़ी की।’’
उन्होंने कहा कि यह भी आरोप है कि उन्होंने जिस मकसद से कर्ज लिया था, उसके इतर धन का उपयोग कहीं और किया।
गौर ने कहा, ‘‘आज नोएडा में दो स्थानों पर और दिल्ली में एक स्थान पर तलाशी ली गयीं जिसमें अपराध की ओर इशारा करने वाले दस्तावेज/सामग्री मिली हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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