किसानों को अधिसूचित मंडी से बाहर अपनी ऊपज को बेचने की अनुमति देने वाले अध्यादेश को मंजूरी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 03, 2020 - 11:34 PM (IST)

नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) किसानों के लिए ''वन नेशन, वन एग्री मार्केट'' (एक राष्ट्र, एक कृषि बाजार) का मार्ग प्रशस्त करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अधिसूचित एपीएमसी मंडियों के बाहर बाधा मुक्त व्यापार की अनुमति देने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी।
कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020, राज्य सरकारों को मंडियों के बाहर किए गए कृषि उपज की बिक्री और खरीद पर कर लगाने से रोकता है और किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता देता है।
इसके अलावा, लेन-देन से उत्पन्न होने वाले किसी भी टकराव को विशेष रूप से सब डिवीजन मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और जिला कलेक्ट्रेट द्वारा 30 दिनों के भीतर निपटा जाएगा, न कि ऐसे मामले किसी सिविल अदालतों के अधिकार क्षेत्र में आयेंगे।
मौजूदा समय में, किसानों को पूरे देश में फैली 6,900 एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समितियों) मंडियों में अपनी कृषि उपज बेचने की अनुमति है। मंडियों के बाहर कृषि उपज बेचने में किसानों के लिए प्रतिबंध हैं।
मंत्रिमंडल के फैसले की घोषणा करते हुए, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘‘मौजूदा एपीएमसी मंडियां काम करना जारी रखेंगी। राज्य एपीएमसी कानून बना रहेगा। लेकिन मंडियों के बाहर, अध्यादेश लागू होगा।’’ उन्होंने कहा कि अध्यादेश मूल रूप से एपीएमसी मार्केट यार्ड के बाहर अतिरिक्त व्यापारिक अवसर पैदा करने के लिए है ताकि अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा के कारण किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके।
यह राज्य कृषि उत्पादन विपणन विधानों के तहत अधिसूचित बाजारों के भौतिक परिसर के बाहर अवरोध मुक्त राज्य के भीतर और अंतर-राज्यीय व्यापार एवं वाणिज्य को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि यह व्यापक रूप से विनियमित कृषि बाजारों को खोलने में एक ऐतिहासिक कदम है।
तोमर ने कहा कि यह सुधार पहले कई लोगों द्वारा आवश्यक महसूस किया गया था और प्रस्ताव सरकार के समक्ष था। सरकार ने एक मॉडल एपीएमसी कानून के माध्यम से सुधार लाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सकी।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, कोविड-19 संकट के दौरान इस अध्यादेश को लाना इसलिए जरूरी था क्योंकि हमने देखा कि किसानों को मंडियों में अपनी ऊपज बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर यह कानून लागू होता, तो किसान अपने घर से ही बिक्री कर सकते थे और सामाजिक दूरी बनाकर रखने के मानदंडों का उल्लंघन न हुआ होता। यह अध्यादेश किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगा।’’ उन्होंने कहा कि अध्यादेश पर राज्य सरकारों के साथ चर्चा की गई है और इससे किसान समुदाय के जीवन में बदलाव आएगा।
अध्यादेश की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, तोमर ने कहा, ‘‘किसान अपने घर से सीधे कंपनियों, प्रोसेसर, कृषक उत्पादक कंपनियों (एफपीओ) और सहकारी समितियों को भी बेच सकते हैं और एक बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के विकल्प होगा कि किसे और किस दर पर अपनी उपज बेचे।” उन्होंने कहा कि मंडियों के बाहर उपज की बिक्री और खरीद पर कोई राज्य कर नहीं लगेगा।
उन्होंने कहा कि पैन कार्ड वाले किसी भी किसान से लेकर कंपनियां, प्रोसेसर और एफपीओ अधिसूचित मंडियों के परिसर के बाहर बेच सकते हैं।
खरीदारों को तुरंत या तीन दिनों के भीतर किसानों को भुगतान करना होगा और माल की डिलीवरी के बाद एक रसीद प्रदान करनी होगी।
उन्होंने कहा कि मंडियों के बाहर व्यापार करने के लिए कोई ‘‘इंस्पेक्टर राज’’ नहीं होगा। मंत्री ने कहा कि मंडियों के बाहर बाधा रहित व्यापार करने में कोई कानूनी बाधा नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश एक सहज व्यापार सुनिश्चित करने के लिए लेनदेन मंच के बतौर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग का प्रस्ताव करता है।


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PTI News Agency

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