फेसबुक और यूट्यूब को पतंजलि संबंधी एक वीडियो हटाने का उच्च न्यायालय ने दिये आदेश

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 11:22 PM (IST)

नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक और यूट्यूब को एक हिंदी समाचार चैनल द्वारा डाले गये उस वीडियो को हटाने या उस तक पहुंच पर रोक लगाने का निर्देश दिया जिसमें आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेद ने देश के हितों के विरूद्ध लाल चंदन की लकड़ियां बेचीं।

न्यायमूर्ति वी के राव ने अपने अंतरिम आदेश से इस समाचार चैनल को संबंधित वीडियो समेत कोई भी ऐसी खबर या समाचार प्रसारित, प्रकाशित करने या अपनी वेबसाइट पर डालने से रोक दिया जो जो झूठ, गुमराह करने वाला या पतंजलि आयुर्वेद की बदनामी करने वाला या उसकी साख बिगाड़ने वाला हो।

उच्च न्यायालय ने कहा कि पतजंलि की ओर से इस समाचार चैनल पर अंकुश लगाने के अनुरोध का प्रथम दृष्टया मामला बनता है और ऐसे में अगली सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तक उस पर यह रोक रहेगी।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ इसके अलावा मैं यह निर्देश देना उपयुक्त समझता हूं कि फेसबुक और यूट्यूब यूआरएल को हटा लें या उसे देखने से रोके जिसमें मानहानिकारक वीडियो है।.....’’
न्यायालय का यह आदेश पतंजलि की उस याचिका पर आया है जिसमें दावा किया है कि इस मानहानिकारक वीडियो में गंभीर आरोप लगाये गये हैं कि उसने देशहित के विरूद्ध लाल चंदन की लकड़ियां बेचीं।

पतंजलि ने कहा कि इस खबर, वीडियो, पोस्ट में 16 सितंबर,2019 को सीमाशुल्क प्रशासन द्वारा जारी आदेश का संज्ञान नहीं लिया गया जिसमें 17 फरवरी, 2018 को जब्त की गयी लाल चंदन की लकड़ियों के संबंध में सभी कार्यवाही बंद कर दी गयी थी। ये लकड़ियां चीन निर्यात की जा रही थीं।

उसने यह भी कहा कि सीमाशुल्क अधिकारियों ने जब्त लालचंदन की लकड़ियां छोड़ देने और उसे निर्यात करने की भी अनुमति दी।



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PTI News Agency

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