निरुद्ध क्षेत्रों में जरूरी दवाओं की घर पर आपूर्ति का इंतजाम किया जा सकता है: स्वास्थ्य मंत्रालय

punjabkesari.in Wednesday, May 27, 2020 - 04:59 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) केंद्र ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को निरुद्ध क्षेत्रों में कैल्शियम, आयरन / फोलिक एसिड और जिंक की गोलियों जैसी आवश्यक दवाओं के साथ ही गर्भ निरोधकों की घर पर आपूर्ति का इंतजाम करने का सुझाव दिया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण माताओं और बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो।

मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य तथा पोषण (आरएमएनसीएएच+एन) संबंधी सेवाओं पर बुधवार को मार्गदर्शक नोट जारी किया। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि महिलाओं, बच्चों और किशोरों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएं, चाहे उनकी कोविड-19 संबंधी स्थिति कुछ भी हो।

उसने कहा, ‘‘किसी भी परिस्थिति में आवश्यक सेवाओं से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।’’
उसने कहा, ‘‘निरुद्ध क्षेत्रों में आईएफए, कैल्शियम, ओआरएस, जिंक, गर्भ निरोधकों आदि आवश्यक दवाओं की घर पर आपूर्ति की जा सकती है।’’
स्थानीय स्थिति के आधार पर सामूहिक विटामिन ए प्रोफिलैक्सिस, सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा (आईडीसीएफ), राष्ट्रीय डिवर्मिंग डे (एनडीडी) और एनीमिया के लिए टेस्ट ट्रीट एंड टॉक (टी 3), शिविरों के लिए अभियान वैकल्पिक तंत्रों, जैसे जरूरी सेवाएं एवं वस्तुओं की घर पर आपूर्ति के माध्यम से की जा सकती हैं।
ऐसे में जब लाभार्थियों की संख्या अधिक हो तब अतिरिक्त सत्र या क्लीनिक आयोजित किये जा सकते हैं।

उसने कहा कि सामुदायिक गतिविधियों में एक समय में सीमित सहभागिता (पांच से 10) होनी चाहिए। सत्र से पहले और बाद में स्थल और सभी उपकरणों को सही तरीके से सैनिटाइज किया जाना चाहिए।

कोविड-19 के सभी संदिग्धों और संक्रमित मरीजों को सेवाएं निर्दिष्ट कोविड -19 इकाई में मुहैया करायी जानी चाहिए।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘आरएमएनसीएएच+एन सेवाओं के लिए कोविड-19 जांच अनिवार्य नहीं है। आईसीएमआर के जांच संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।’’ उसने कहा कि भीड़ से बचने और संक्रमण से बचाव के लिए टेली-परामर्श सेवाओं को सभी स्तर पर बढावा दिया जाना चाहिए।

उसने कहा कि जहां तक टीकाकरण सेवाओं का सवाल है तो नवजात बच्चों को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण जारी रखा जाना चाहिए क्योंकि लाभार्थी पहले से उस इकाई में हैं।

अन्य मामलों में टीकाकरण केवल निरुद्ध क्षेत्रों के बाद और बफर जोन और ग्रीन जोन में करने की इजाजत दी जाएगी।

निरुद्ध क्षेत्र या बफर जोन के तौर पर उल्लेखित क्षेत्र में स्वास्थ्य आधारित सत्र और पहुंच सत्र बंद कर देने चाहिए लेकिन यदि कोई लाभार्थी स्वास्थ्य केंद्र में अपने बच्चे को टीका दिलाने के लिए आता है तो उसे वापस नहीं भेजा जाना चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा, "कोविड-19 महामारी के चलते हमें हमारी स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरुरत उत्पन्न हुई है। यह महत्वपूर्ण है कि इस अवधि के दौरान आवश्यक आरएमएनसीएएच+एन सेवाएं प्रभावित न हों।"
उन्होंने कहा, "प्रत्येक राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों को इन सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि रुग्णता, अवांछित गर्भधारण और मृत्यु दर के बढ़ते जोखिम को कम किया जा सके, जिससे माताओं और बच्चों का स्वास्थ्य और कुशलता सुनिश्चित हो सके।"

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Recommended News