जूम ऐप पर प्रतिबंध लगाने के लिये दायर याचिका पर न्यायालय ने केन्द्र से जवाब मांगा
punjabkesari.in Friday, May 22, 2020 - 03:42 PM (IST)
नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उचित कानून बनने तक शासकीय ओर निजी कार्यो में ‘जूम ’ ऐप के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को केन्द्र से जवाब मांगा।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये केन्द्र को नोटिस जारी किया। केन्द्र को इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
याचिका में अमेरिका स्थित जूम वीडियो कम्युनिकेशंस को भी पक्षकार बनाया गया है। इस याचिका में निजता के अधिकार का मुद्दा उठाते हुये दावा किया गया है कि लगातार ‘जूम ऐप’ का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के समक्ष साइबर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
यह याचिका दिल्ली निवासी हर्ष चुघ ने दायर की है। याचिका में ‘जूम’ ऐप पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही शासकीय और व्यक्तिगत स्तर पर जूम के इस्तेमाल के बारे में उचित कानून बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता वजीह शफीक के माध्यम से दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि लगातार इस ऐप के इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है और यह तरह-तरह के साइबर अपराधों को भी बढ़ावा दे सकता है।
याचिका में कहा गया है कि इस ऐप के लगातार इस्तेमाल से साइबर अपराध का खतरा है, इसलिए इस ऐप के इस्तेमाल के संबंध में विस्तृत तकनीकी अध्ययन कराने का केन्द्र को निर्देश दिया जाये।
याचिका के अनुसार, कोविड-19 महामारी के इस दौर ने जीवन शैली में जबर्दस्त बदलाव कर दिया है जिसमें उपभोक्ता, कारोबारी और स्कूल जरूरतमंदों की मदद करने के लिए जूम के माध्यम से संपर्क स्थापित कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि जूम ऐप लाखों उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत सूचनाओं का दुरूपयोग करके निजता के अधिकार का हनन कर रहा है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि जूम ऐप डाटा एकत्र करने की नीति पर चल रहा है और वह अपने उपभोक्ताओं का निजी डाटा और फाइलों का अपने यहां भंडार कर रहा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये केन्द्र को नोटिस जारी किया। केन्द्र को इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
याचिका में अमेरिका स्थित जूम वीडियो कम्युनिकेशंस को भी पक्षकार बनाया गया है। इस याचिका में निजता के अधिकार का मुद्दा उठाते हुये दावा किया गया है कि लगातार ‘जूम ऐप’ का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के समक्ष साइबर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
यह याचिका दिल्ली निवासी हर्ष चुघ ने दायर की है। याचिका में ‘जूम’ ऐप पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही शासकीय और व्यक्तिगत स्तर पर जूम के इस्तेमाल के बारे में उचित कानून बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता वजीह शफीक के माध्यम से दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि लगातार इस ऐप के इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है और यह तरह-तरह के साइबर अपराधों को भी बढ़ावा दे सकता है।
याचिका में कहा गया है कि इस ऐप के लगातार इस्तेमाल से साइबर अपराध का खतरा है, इसलिए इस ऐप के इस्तेमाल के संबंध में विस्तृत तकनीकी अध्ययन कराने का केन्द्र को निर्देश दिया जाये।
याचिका के अनुसार, कोविड-19 महामारी के इस दौर ने जीवन शैली में जबर्दस्त बदलाव कर दिया है जिसमें उपभोक्ता, कारोबारी और स्कूल जरूरतमंदों की मदद करने के लिए जूम के माध्यम से संपर्क स्थापित कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि जूम ऐप लाखों उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत सूचनाओं का दुरूपयोग करके निजता के अधिकार का हनन कर रहा है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि जूम ऐप डाटा एकत्र करने की नीति पर चल रहा है और वह अपने उपभोक्ताओं का निजी डाटा और फाइलों का अपने यहां भंडार कर रहा है।
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