राजस्थान : ''''डॉक्टर्स डे'''' 108 चिकित्सा भवनों का लोकार्पण व शिलान्यास
punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 06:00 PM (IST)
जयपुर, एक जुलाई (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि राजस्थान को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए हम सरकारी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे को लगातार मजबूत कर रहे हैं इसी का परिणाम है कि राजस्थान कोरोना जैसी महामारी से सफलता से लड़ पा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना संक्रमण से रिकवरी हो, मृत्यु दर को नियंत्रित करना हो या जांच सुविधाएं, सभी मापदंडों पर राजस्थान देश में अव्वल पायदान पर खड़ा है।’’
गहलोत ने बुधवार को ''डॉक्टर्स डे'' पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 108 चिकित्सा संस्थानों के भवनों के लोकार्पण व शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 171 करोड़ रुपये की लागत से 94 कार्यों का लोकार्पण तथा 20 करोड़ रूपए से 14 कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार हमने कोरोना जैसी चुनौती का सामना किया है। इस महामारी ने हमारी जीवनशैली व खान-पान में बदलाव के साथ ही जीवन के प्रति दृष्टिकोण को भी बदल दिया है। अब हमारी प्राथमिकता यह है कि आर्थिक गतिविधियां कैसे पटरी पर आएं, क्योंकि जीवन के साथ-साथ आजीविका भी बेहद जरूरी है।
गहलोत ने कहा कि कोरोना की चुनौती को हमने अवसर के रूप में बदला है। हम प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर मॉडल सीएचसी बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे लोगों को उपचार के लिए जिला अस्पताल जाने की जरूरत ना पड़े। उन्हें अपने निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जिसने कोरोना काल में इतने व्यापक स्तर पर अपने चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि मार्च महीने में जब कोरोना का पहला केस आया था तब हमारी टेस्ट क्षमता शून्य थी जो हमारे सतत प्रयासों से आज बढ़कर 40 हजार प्रतिदिन पहुंच गई है। पड़ोसी राज्यों को भी हमने राजस्थान में 5000 टेस्ट प्रतिदिन तक करवाने की पहल की है।
इस अवसर पर चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी मौजूद थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना संक्रमण से रिकवरी हो, मृत्यु दर को नियंत्रित करना हो या जांच सुविधाएं, सभी मापदंडों पर राजस्थान देश में अव्वल पायदान पर खड़ा है।’’
गहलोत ने बुधवार को ''डॉक्टर्स डे'' पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 108 चिकित्सा संस्थानों के भवनों के लोकार्पण व शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 171 करोड़ रुपये की लागत से 94 कार्यों का लोकार्पण तथा 20 करोड़ रूपए से 14 कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार हमने कोरोना जैसी चुनौती का सामना किया है। इस महामारी ने हमारी जीवनशैली व खान-पान में बदलाव के साथ ही जीवन के प्रति दृष्टिकोण को भी बदल दिया है। अब हमारी प्राथमिकता यह है कि आर्थिक गतिविधियां कैसे पटरी पर आएं, क्योंकि जीवन के साथ-साथ आजीविका भी बेहद जरूरी है।
गहलोत ने कहा कि कोरोना की चुनौती को हमने अवसर के रूप में बदला है। हम प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर मॉडल सीएचसी बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे लोगों को उपचार के लिए जिला अस्पताल जाने की जरूरत ना पड़े। उन्हें अपने निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जिसने कोरोना काल में इतने व्यापक स्तर पर अपने चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि मार्च महीने में जब कोरोना का पहला केस आया था तब हमारी टेस्ट क्षमता शून्य थी जो हमारे सतत प्रयासों से आज बढ़कर 40 हजार प्रतिदिन पहुंच गई है। पड़ोसी राज्यों को भी हमने राजस्थान में 5000 टेस्ट प्रतिदिन तक करवाने की पहल की है।
इस अवसर पर चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी मौजूद थे।
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