मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र द्वारा किसानों से धोखाधड़ी उजागर : सुखबीर

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 11:55 PM (IST)

चंडीगढ़, (अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा है कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ द्वारा पूरे राज्य को एक मंडी बनाने वाले विधेयक के पारित होने से मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र ङ्क्षसह द्वारा किसानों से धोखाधड़ी को उजागर किया है। उन्होंने केंद्र के साथ तय मैच खेला था और किसान समुदाय को कृषि मंडीकरण कानूनों के दुष्प्रभावों से बचाने से इनकार कर दिया था। वर्चुअल कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकारों ने किसानों की रक्षा के लिए ऐसे कानून पारित किए थे, कै. अमरेंद्र ने केंद्र की दया पर छोड़ दिया था। 'पंजाब में कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर व्यापार विषय के तहत केंद्रीय अधिनियमों में संशोधन किया है, जो खेती प्रमुख के तहत कानून लाने के बजाय समवर्ती सूची में है जैसा छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। सुखबीर ने कहा कि राज्य के हितों को केंद्र सरकार को बेच दिया गया है।

 


अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने सुझाव दिया था कि पंजाब को सुनिश्चित करने के लिए कानून लाना चाहिए कि किसानों को प्राइवेट कंपनियों के हाथों शोषण का सामना न करना पड़े। पंजाब में कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को नकारने के लिए पूरे राज्य को एक प्रमुख मंडी (ङ्क्षप्रसिपल मार्कीट यार्ड) बनाने के लिए विधेयक पारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि व्यवहारिक नहीं है लेकिन  छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ऐसा महसूस नहीं करती है। इससे स्पष्ट होता है कि कै. अमरेंद्र पर दिल्ली का हुक्म पर चलता है और ऐसा कुछ नहीं करना चाहते जिससे केंद्र परेशान हो।

 


सुखबीर ने कहा कि कै. अमरेंद्र राज्य की आॢथक नाकेबंदी सहित पंजाब में मौजूदा स्थिति के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है। 'कै. अमरेंद्र ने विधेयक पारित करने के अलावा कृषि कानूनों को रद्द कर दिया होता जिससे पूरे राज्य को एक ही मंडी बना दिया जाता तो किसान समुदाय का भविष्य सुरक्षित हो सकता था। ऐसा करने की बजाय मुख्यमंत्री ने केंद्र के हाथों में खेलने का फैसला किया।
फलों और सब्जियों के एम.एस.पी. घोषित करने पर केरल सरकार को दी बधाई 
सुखबीर ने केरल सरकार को फलों तथा सब्जियों पर न्यनूतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) घोषित करने पर बधाई देते हुए कहा कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए इसकी बहुत जरूरत है। यह बात फसलों की खरीद सुनिश्चित करने के साथ की जो समय की मांग थी और जिसे केंद्र द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले ही घोषित किया जा चुका था। 'राज्य सरकार को उन फसलों की संपूर्णता के मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए जिनके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया था, केंद्रीय एजैंसियों ने खरीदा नहीं था। कांग्रेस से यह पूछना बहुत ज्यादा लगता है जिसने केंद्रीय कृषि कानूनों को सालाना करने से भी इनकार करके किसान समुदाय की पीठ में छुरा घोंपा है।
नड्डा जैसी शख्सियत को शोभा नहीं देते ऐसे बयान
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के हाल ही के बयान बारे पूछे जाने पर कहा कि अकाली दल ने कांग्रेस के दबाव में भाजपा के साथ रास्ते अलग कर लिए हैं। इस तरह के बयान देना नड्डा जैसी शख्सियत को शोभा नहीं देता। अकाली दल 100 साल से पुरानी पार्टी है जिसने सदियों से लगातार कांग्रेस की ज्यादतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। जब भाजपा ने केंद्रीय कृषि विधेयकों को रद्द करने से इनकार कर दिया तो इससे पंजाब में खेती के भविष्य को एक गंभीर झटका लगा इसीलिए अकाली दल ने भाजपा के साथ रास्ते अलग कर लिए थे।


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Ajesh K Dharwal

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