पराली की समस्या के हल के लिए बायोमास प्रोजैक्टों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा: वेरका

punjabkesari.in Tuesday, Oct 19, 2021 - 09:09 PM (IST)

चंडीगढ़, (रमनजीत): पंजाब के अक्षय ऊर्जा और सामाजिक न्याय मंत्री डा. राज कुमार वेरका ने पराली की समस्या के हल के लिए बायोमास प्रोजैक्ट स्थापित करने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता बल्कि कमी को भी कम लागत में दूर किया जा सकता है। 


वेरका ने कहा कि बिजली की बढ़ रही मांग और पानी, कोयला आदि जैसे प्राकृतिक संसाधनों की पैदा हो रही कमी से निपटने के लिए अक्षय ऊर्जा को अधिक से अधिक प्रयोग में लाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के 1700.77 मैगावाट की क्षमता के प्रोजैक्ट लगाए जा चुके हैं और 184.12 मैगावाट क्षमता के अन्य प्रोजैक्ट लगाए जा रहे हैं। अब तक 815.5 मैगावाट क्षमता के ग्राऊंड माउंटेड, 136.1 मैगावाट क्षमता के रूफटॉप और 20 मैगावाट क्षमता के कैनाल टॉप सौर ऊर्जा प्रोजैक्ट कार्यशील हो चुके हैं। इन प्रोजैक्टों की संख्या क्रमवार 71, 14 और 4 है।

 


वेरका के अनुसार अकेले सौर ऊर्जा के 729.17 मैगावाट के प्रोजैक्ट स्थापित हो चुके हैं और 58.75 मैगावाट के प्रोजैक्ट प्रगति अधीन हैं। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रोजैक्टों में बायोमास को-जनरेशन पावर प्रोजैक्ट 458.07 मैगावाट और बायोमास पावर प्रोजैक्ट 97.5 मैगावाट शामिल हैं। 23 बायो सी.एन.जी. प्रोजैक्ट निर्माणाधीन हैं। इनसे कुल 260 टन कम्प्रैस्ड बायोगैस पैदा होगी। इनमें एशिया का सबसे बड़ा सी.बी.जी. प्रोजैक्ट भी शामिल है जिसकी क्षमता 33.23 टन सी.बी.जी. प्रति दिन है। यह प्रोजैक्ट लहरागागा तहसील में लगाया जा रहा है और यह दिसम्बर, 2021 में चालू हो जाएगा। इसके अलावा एच.पी.सी.एल. तेल कंपनी द्वारा बायो इथनोल प्रोजैक्ट बङ्क्षठडा जिले के तलवंडी साबो में निर्माणाधीन है जो कि फरवरी 2023 तक शुरू हो जाएगा और इसमें रोजाना 500 टन पराली की खपत होगी।


राज्य के लोगों को भी सौर ऊर्जा अपनाने की अपील करते हुए वेरका ने उनको घरों में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे जहां लोगों को महंगी बिजली से राहत मिलेगी, वहीं कोयले जैसे स्रोत की भी बचत हो सकेगी।


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News Editor

Taranjeet Singh

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