हाईकोर्ट ने प्रशासन से पूछा- किस आधार पर दी गई कर्फ्यू में ढील?

punjabkesari.in Friday, May 15, 2020 - 11:01 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : चंडीगढ़ में कर्फ्यू में ढील देने, इंटरनल मार्कीट खोलने की अनुमति देने, ट्राईसिटी में सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक वाहनों को बिना रोक-टोक एंट्री देने, सुखना और रोज गार्डन में सैर की अनुमति देने के आदेश पारित करने को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन घिर गया है।

एडवोकेट पंकज चंदगोठिया ने प्रशासन के उक्त छूट देने के आदेशों पर कोरोना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय कौ ओर से जारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना बताते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। इसका जवाब दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट ने प्रशासन को सिर्फ 24 घंटे का समय दिया है। 

शुक्रवार को हाईकोर्ट में पुन: जनहित याचिका पर सुनवाई होगी। प्रशासन को हाईकोर्ट को बताना होगा कि किस आधार ब कानून के तहत उक्त छूट का ऐलान किया गया, जबकि चंडीगढ़ कोरोना के रेड जोन में है। अगर कोर्ट प्रशासन के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो 'शहरवासियों को मिली राहतें वापस ली जा सकती हैं।

रेड जोन के बावजूद दे दी इतनी छूट :
एडवोकेट पंकज चांदगोठिया ने कोर्ट को बताया कि गृह मंत्रालय ने 17 मई तक लॉकडाऊन का ऐलान किया था और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए गाइडलाइन जारी की गई थीं। 

चंडीगढ़ प्रशासन ने केंद्र की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए अपने स्तर पर ही 4 मई से चंडीगढ़ में कर्फ्यू में 12 घंटे की ढील दे दी जबकि चंडीगढ़ कोरोना के रेड जोन में है और लगातार शहर में कोरोना के पॉजीटिव केस बढ़ रहे हैं। मरीजों का आंकड़ा 200 होने वाला है। सिर्फ चंडीगढ़ के निवासियों को ही नहीं बल्कि पंचकूला व मोहाली के लोगों को भी चंडीगढ़ में सुबह 7 से लेकर शाम 7 बजे तक बेरोक-टोक वाहन लेकर आने की छूट दे दी गई।

एम.एच.ए. की गाइडलाइन का हवाला दिया :
याची ने कोर्ट को एम.एच.ए. की गाइडलाइन का हवाला दिया जो कि 1 मई को जारी हुई थी। इसमें रेड जोन और कंटेनमैंट एरिया में सख्त तरीके से उक्त गाइडलाइन को लागू करवाने की हिदायतें दी गई थी। 

इसे प्रशासन ने दरकिनार कर दिया और न केवल मार्कीट्स खोल दी बल्कि सुखना लेक, रोजगार्डन व लेजर वैली में लोगों को सैर की अनुमति भी दे दी, जहां कई लोग एकत्रित हो रहे हैं जोकि खतरनाक साबित होगा।

रेड जोन में भी गाइडलाइन का उल्लंघन :
याचिकाकर्ता ने चीफ जस्टिस पर आधारित बैंच को बताया कि प्रशासन ने कंटैनमैंट एरिया घोषित करने पर गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन नहीं किया। कंटैनमैंट जोन के लिए जारी क्लॉज 3 (2 ) में साफ दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि शहरों व कस्बों में रिहायशी कालोनी, नगर निगम वार्ड, एम.सी. जोन, पुलिस एरिया स्टेशन, टाऊन आदि पूरी तरह सील किए जाएंगे लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने पूरा एरिया सील करने की बजाए कुछ हिस्सा ही सील किया। 

इसमें सैक्टर-30 बी, सैक्टर-52, मनीमाजरा का शास्त्री नगर, सैक्टर-26 का बापूधाम व सैक्टर-38 का कुछ हिस्सा शामिल किया गया। याची ने बताया कि गृह मंत्रालय ने सिर्फ रिहायशी इलाकों में पड़ती दुकानें खोलने की अनुमति दी थी लेकिन प्रशासन ने सभी सैक्टरों की इंटरनल मार्कीट्स खुलवा दी जोकि गाइडलाइन के विपरीत है।

दुकानें अल्टरनैटिव तरीके से खोलने पर नहीं जताई कोर्ट ने संतुष्टि :
चंडीगढ़ प्रशासन के सीनियर स्टैंडिंग कौंसिल पंकज जैन ने कोर्ट को बताया कि प्रशासन ने उक्त जगह जाने की अनुमति दी है, लेकिन एडवाइजरी भी जारी की है जिसकी पालना करना अनिवार्य है। प्रशासन के अधिवक्ता का कहना था कि दुकानें अल्टरनैटिव तरीके से खुल रही हैं, जिस पर कोर्ट ने संतुष्टि जाहिर नहीं की।

डिजास्टर मैनेजमैंट एट का पालन नही :
केंद्र की ओर से पेश हुए एडीशन सीनियर सोलिसिटर जनरल से कोर्ट ने एम.एच.ए. की गाइडलाइन के विषय में जानना चाहा, जिन्होंने कोर्ट को बताया कि एम.एच.ए. की ओर से कोरोना को लेकर जारी दिशा-निर्देशों के क्लॉज 14 का चंडीगढ़ प्रशासन ने डिजास्टर मैनेजमैंट एक्ट 2005 के तहत पालन नहीं किया।

यू.टी. के सीनियर स्टैंडिंग कौंसिल पंकज जैन ने कोर्ट से प्रशासन का पक्ष रखने को कुछ दिन का समय मांगा, लेकिन चीफ जस्टिस रवि शंकर झा व जस्टिस अरुल पल्लई की खंडपीठ ने समय देने से इन्कार करते हुए 24 घंटे के भीतर प्रशासन का पक्ष रखने की बात कहते हुए शुक्रवार को पुन: सुनवाई को कहा है।


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Priyanka rana

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