दिवाली के उपलक्ष्य में गुलजार हुए बाजार

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2019 - 09:59 AM (IST)

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जालंधर (खुराना): स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठन चाहे जितना मर्जी शोर मचा लें कि चीनी वस्तुएं भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह कर रही हैं तथा इससे देश का घरेलु उद्योग प्रभावित हो रहा है परंतु सच्चाई यह है कि आजकल चीनी वस्तुओं से भारतीय बाजार भरे पड़े हैं। आजकल दीवाली के उपलक्ष्य में बाजार गुलजार दिख रहे है तथा चारों ओर फैस्टीव सीजन की धमाल है। दीवाली वाले दिन हर कोई अपने घर को सजाना-संवारना और रोशन करना चाहता है जिस कारण बिजली की लडिय़ों और अन्य सजावटी सामान की मांग इन दिनों में एकाएक बढ़ जाती है। बिजली की लडिय़ों की बात करें तो चीन ने इस मार्कीट में वर्षों पहले प्रवेश किया था तथा भारतीय सामान को बुरी तरह पछाड़ दिया था। आज भी बिजली की लडिय़ों के बाजार पर चीन का कब्जा न केवल बरकरार है बल्कि आगे से भी बढ़ा हुआ प्रतीत होता है। बिजली की हर दुकान पर आपको सस्ती चाइनीज लड़ी आसानी से उपलब्ध हैं।
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100-100 रुपए में उपलब्ध हैं एल.ई.डी. युक्त झूमर
पहले तो चीन सिर्फ बिजली की लडिय़ां ही बनाया करता था परंतु इस बार चीन ने भारतीय मार्कीट में जगमगाने वाले कई नए उत्पाद उतारे हैं। उदाहरण के तौर पर पीतल तथा एंटीक लुक वाले झूमर लडिय़ों का स्थान ले रहे हैं, जिनमें एल.ई.डी. लाइटें फिट हैं और इन्हें सीधा प्लग में लगाया जा सकता है। मैटेलिक कवर, अंदर लगी एल.ई.डी. लाइटों तथा तार इत्यादि से युक्त एक झूमर रिटेल में 100 रुपए के करीब उपलब्ध है जिसकी इस समय बाजार में सर्वाधिक मांग है। इसके अलावा मोम जैसी लुक वाली प्लास्टिक की मोमबत्तियां भी इस बार मार्कीट में अपना स्थान बनाए हुए हैं। जिनके अंदर लगे बल्ब से उसकी रोशनी टिमटिमाती हुई प्रतीत होती है। ऐसे दीए तथा मोमबत्तियां भी रिटेल में 100-100 रुपए की बिक रही है। इसके अलावा भी चीनी मार्कीट से जगमगाने वाली कई नई आइटमें भारतीय बाजारों में उतर चुकी है, जिनकी खूब बिक्री हो रही है।
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550वें आयोजनों करके इस बार मांग अधिक
इस वर्ष चाहे दीवाली अक्तूबर माह के अंत में हैं परंतु नवम्बर माह के शुरू में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें आयोजन प्रारम्भ होने जा रहे है जिन्हें लेकर देश भर विशेषकर पंजाब में अत्यधिक उत्साह है। नवम्बर में भी जहां आम लोग गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव को लेकर अपने घरों को रोशन करेंगे वहीं धर्म स्थानों पर भी बेमिसाल दीपमाला के दृश्य देखने को मिलेंगे। सिख धर्म से जुड़े धर्म स्थलों ने इस दीपमाला हेतु लडि़यों व अन्य सामान की खरीद का काम इन दिनों शुरू कर रखा है जिस कारण बिजली की लडिंयों व सजावटी सामान की मांग एकाएक काफी बढ़ गई हैं।
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दुकानदारों पास कोई विकल्प ही नहीं : अमित
बिजली के सामान और लडिंयों इत्यादि की होलसेल मार्कीट फगवाड़ा गेट के प्रधान अमित सहगल ने बताया कि भारतीय बाजारों में 95 प्रतिशत से ज्यादा लडिंया इत्यादि चीन निर्मित बिक रही हैं। जो दुकानदार स्वदेशी माल बेचने के हक में भी हैं, उनके पास भी कोई ठोस विकल्प नहीं है क्योंकि चीनी माल देखने में सुंदर और अपेक्षाकृत सस्ता होता है जिसका मुकाबला भारतीय उत्पाद नहीं कर पा रहे। जब तक सरकार घरेलू उद्योग हेतु माफिक नीतियां लेकर नहीं आती तब तक चीन के बने सामान की मांग बनी रहेगी। श्री सहगल ने बताया कि जिन लडिय़ों को स्वदेशी कहकर बेचा भी जा रहा है, उनमें भी लगा ज्यादातर सामान चीन से इम्पोर्ट होकर आ रहा है। उन्होंने कहा कि झूमर व अन्य सजावटी सामान के मुकाबले में घरेलू उत्पाद कहीं नहीं टिकते इसलिए मांग के मुताबिक दुकानदारों को इच्छा न होते हुए भी चीनी सामान बेचना पड़ रहा है।


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