किसान संगठनों ने पंजाब भर में केंद्र सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले फूंके

punjabkesari.in Saturday, Oct 16, 2021 - 09:37 PM (IST)

चंडीगढ़, (रमनजीत): संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान के तहत 32 किसान संगठनों की ओर से शुरू किए सांझे किसान संघर्ष की कड़ी में पंजाबभर में केंद्र सरकार और कॉर्पोरेट घरानों का समूचे पंजाब में 550 स्थानों पर मार्च करके पुतले फूंके गए।  मोर्चे के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और कॉर्पोरेट के गठजोड़ पर पंजाब के 17 जिलों में 68 स्थानों पर पुतले फूंके गए। 

 


संगठन के महासचिव सुखदेव ङ्क्षसह कोकरीकलां ने बताया कि संगठन ने 18 अक्तूबर को देशभर में किए जा रहे रेल रोको आंदोलन में काफिले बनाकर शामिल होने और 26 अक्तूबर की लखनऊ महारैली को सफल बनाने के लिए अभी से जुटने का न्यौता दिया है। इसी तरह किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के राज्य प्रधान सतनाम ङ्क्षसह पन्नू, राज्य महासचिव सरवण ङ्क्षसह पंधेर और अन्य नेताओं के नेतृत्व में पंजाब के 12 जिलों में बड़े प्रदर्शन करके कॉर्पोरेट घरानों समेत भाजपा नेताओं के पुतले फूंक कर रोष प्रदर्शन किया गया।

 


उधर, अलग-अलग स्थान पर किए प्रदर्शन दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं बलबीर ङ्क्षसह राजेवाल, डा. दर्शनपाल, बूटा ङ्क्षसह बुर्जगिल, सतनाम ङ्क्षसह साहनी, हङ्क्षरद्र ङ्क्षसह लक्खोवाल, हरमीत ङ्क्षसह कादियां, मेजर ङ्क्षसह पुन्नांवाल, बलदेव ङ्क्षसह निहालगढ़, कुलदीप ङ्क्षसह वजीदपुर ने कहा कि हमारे मौजूदा शासकों ने तीन काले कृषि कानून इन कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ही बनाए हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों की विशाल और जत्थेबंदक एकता ही एकमात्र ताकत है, जिससे इस बुराई को हराया जा सकता है और हमें अपनी इस ताकत को और मजबूत करना चाहिए। 

 


वक्ताओं ने कहा कि ङ्क्षसघू बॉर्डर पर कल घटी घटना बहुत दुखदायी है। परंतु संयुक्त किसान मोर्चे का कातिल और जिसका कत्ल हुआ है, दोनों के साथ ही कोई संबंध नहीं। नेताओं ने कहा कि सरकार और भाजपा इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर किसान आंदोलन को बदनाम करना बंद करे। वक्ताओं ने कहा कि लखीमपुर खीरी कांड के दोषी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को किसान जत्थेबंदी की मांग अनुसार न तो अभी तक बर्खास्त किया है और न ही गिरफ्तार किया है। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चे ने 18 अक्तूबर को देश भर में ट्रेनें रोकने वाले अपने आह्वान को लागू करने का फैसला किया है। नेताओं ने कहा कि सुबह 10 से शाम 4 बजे तक ट्रेनें रोकी जाएंगी। 


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News Editor

Taranjeet Singh

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