यह है कलयुग का एकलव्य, सचिन की प्रतिमा बनाकर कर रहा है अभ्यास

punjabkesari.in Monday, Jun 19, 2017 - 12:31 PM (IST)

चंडीगढ़ (लल्लन): एकलव्य द्वारा गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा बनाकर अभ्यास करने का जिक्र किताबों व महाभारत में ही देखने को मिला होगा लेकिन ऐसी ही एक सच्चाई लुधियाना के नन्हे क्रिकेटर लवजीत सिंह ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की 10 फुट की प्रतिमा बनाकर अभ्यास कर रहे हैं। हाल ही में चंडीगढ़ के एल.आई.सी. ग्राऊंड में आयोजित टैलेंट हंट क्रिकेट चयन प्रक्रिया के दौरान शहर में पहुंचे हुए थे। लवजीत का चयन दिल्ली में अंडर-14 आयु वर्ग के कैंप के लिए बैट्समैन के रूप में हुआ है। 

 

लवजीत ने बताया कि वह अभ्यास सचिन तेंदुलकर को अपना गुरु मानकर उनकी प्रतिमा के सामने अभ्यास करता है। लवजीत के पिता मंजीत सिंह ने बताया कि लुधियाना में बेहतरीन कोचिंग न मिलने के कारण अब उनका फोकस चंडीगढ़ आने का है जो कि वह 1-2 महीने में ही चंडीगढ़ में शिफ्ट हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक सचिन से मुलाकात तो नहीं हुई है लेकिन लवजीत की सोच है कि बैस्ट परफॉर्मैंस करके टीम में जगह बनाने के बाद ही सचिन से मिलेंगे।


 

रोजाना 6 से 7 घंटे नैट्स पर करते हैं अभ्यास 
लवजीत सिंह सचिन तेंदुलकर की बनी प्रतिमा सामने करीब 6-7 घंटे अपने पिता मंजीत सिंह की देखरेख में अभ्यास करते हैं। लवजीत के पिता ने कहा कि एक बल्लेबाज बनने के लिए हार्डवर्क बहुत जरूरी है।  बेटे को 5 वर्ष  से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। 

 

बेहतर कोचिंग के लिए शिफ्ट होंगे चंडीगढ़ 
लवजीत के पिता ने बताया कि लुधियाना में बेहतर कोचिंग न मिल पाने के कारण वह चंडीगढ़ शिफ्ट होना चाहते हैं। उनका कहना है कि लुधियाना में कोचिंग सैंटरों के माध्यम से कोच सिर्फ पैसे कमा रहे हैं और लड़कों को बेहतरीन कोचिंग भी नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि 1-1 कोचिंग सैंटर में 100 से अधिक नन्हे क्रिकेटर अभ्यास करते हैं। 

 

दाएं व बाएं दोनों तरह से करते हैं बैटिंग का अभ्यास 
टैलेंट हंट में चुने जाने के बाद लवजीत ने बताया कि वह दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं लेकिन वह बाएं हाथ से भी शॉट खेलना पसंद करते हैं। कई प्रतियोगिताओं में टीम के लिए ओपनिंग की है और सचिन की तरह ही ओपनर बल्लेबाज बनने की चाह रखते हैं। उनका लक्ष्य है कि वह लुधियाना टीम में जगह बना सकें जिसके बाद पंजाब और फिर भारतीय टीम के लिए भी अपनी दावेदारी पेश करने में सफल हो सकें।


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