प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जान लें इन 5 बातों को, वरना पड़ सकता है पछताना

punjabkesari.in Monday, Sep 28, 2020 - 05:55 PM (IST)

नई दिल्लीः संपत्ति खरीदते समय कई बातों पर पर विचार किया जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह आमतौर पर जीवन का सबसे बड़ा इंवेस्टमेंट होता है। कीमत एक प्रमुख फैक्टर है, इसमें और भी कई फैक्टर को शामिल करना बेहद जरूरी है। घर खरीदने के लिए एक बहुस्तरीय दृष्टिकोण शामिल होना चाहिए है जिसमें एक व्यक्ति की आय, ईएमआई भुगतान करने की क्षमता, शहर और स्थान आदि शामिल हैं। इन सब फैक्टर्स का किसी के भी फराइनेंस पर लांग टर्म असर पड़ता है। मौजूदा कोरोना काल में होम बायर्स के लिए इन तमाम फैक्टर्स पर विचार करना और भी जरूरी हो गया है। खासकर वो लोग जिन्हें कैश क्रंच का सामना नहीं कर रहे हैं। प्रचलित फाइनेंशियल अनसर्टिनिटी को देखते हुए, हमने उन कुछ सवालों का समाधान करने की कोशिश की है जिनका सामना मौजूदा समय में खरीदार कर रहे हैं।

क्या प्राइ करेक्शन का वेट करना चाहिए?
पिछले कुछ वर्षों में कीमतें स्थिर बनी हुई हैं और कोविड के बाद, कुछ स्थानों पर मूल्य सुधार देखा गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अधिक महत्वपूर्ण मूल्य सुधार नहीं हो सकता है। जानकारों की मानें तो पोस्ट कोविड में लगभग 5-10 फीसदी पोस्ट मूल्य सुधार देखा गया और यह सुनिश्चित नहीं है कि आगे सुधार भी गुंजाइश बनी हुई है। 6 से 7 फीसदी सुधार पहले ही हो चुका है और एक और 5-6 फीसदी त्योहारी सीजन के आसपास हो सकता है।वहीं जानकार सावधानी रखने को भी कह रहे हैं। उनका कहना है कि कीमत में ज्यादा देखने को नहीं मिलेगा। क्योंकि बिल्डर रेडी-टू-मूव-इन-प्रॉपर्टी पर अधिक छूट नहीं दे रहे हैं। बायर्स को डेवलपर्स बारगेनिंग के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी ताकि कम कीमत पनर आपको आशियाना मिल सके।

घर खरीदने के लिए मुझे अपना बजट कितना बढ़ाना चाहिए?
मौजूदा समय में भले ही आप नकदी की कमी का सामना नहीं कर रहे हैं, लेकिन आपको घर खरीदने का फैसला करने से पहले भविष्य में भी अपनी वित्तीय स्थिरता के बारे में दोगुना सुनिश्चित होना चाहिए। यह आकलन करना कि आपकी नौकरी या व्यवसाय कितना सुरक्षित है और आपके उद्योग या कंपनी पर कोविड-19 का आर्थिक प्रभाव कितना पड़ सकता है। यहां तक कि अगर आप घर खरीदने के बारे में निश्चित हैं, तो आपको उस लाभ का ध्यान रखना चाहिए जो आप ले रहे हैं। वर्ना ओवर-लीवरेजिंग आपको नौकरी छूटने जैसी स्थितियों में तंगी में डाल सकती है। जानकारों की मानें तो अधिकांश घर-खरीद लीवरेज के माध्यम से होता है, वैसे घर खरीदने की सलाह उन्हीं लोगों को दी जा रही है जो घर खरीदने के लिए आय में स्थिरता के बारे में सुनिश्चित हैं। जानकारों के अनुसार नेट इनकम की 30 फीसदी ईएमआई रखना एक अच्छा विचार है।यहां तक परिवार को डबल इनकम वालों को भी यही ईएमआई कैपिंग करने की जरुरत है। ऐसा इसलिए कि कभी भी कोविड का असर जॉब पर पड़ सकता है। 

अंडर-कंस्ट्रक्शन या रेडी-टू-मूव-इन प्रॉपर्टी?
होमबायर्स के लिए यह बड़ा सवाल बन जाता है। अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टीज अधिक सस्ती होती हैं, क्योंकि डेवलपर्स आमतौर पर निर्माण या सबवेंशन प्लान्स के चरणों से जुड़ी लचीली भुगतान योजनाएं पेश करते हैं, जहां आप कुल कीमत का सिर्फ 10-20 फीसदी का भुगतान करने के बाद घर बुक कर सकते हैं और बाकी रुपया कब्जा मिलने के बाद होगा जोता है। अंडर कंस्ट्रक्शन मकानों को बेचने के लिए आकर्षक योजनाओं को सामने रखा जाता है, लेकिन इसमें उच्च जोखिम शामिल है कि संपत्ति समय पर पूरी होगी या नहीं। एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 50त्न अनसोल्ड इन्वेंट्री (6,37,000 यूनिट) उच्च निष्पादन जोखिम का सामना कर रही हैं।कोविड-19 महामारी ने इस जोखिम को और ज्यादा बढ़ा दिया है। एक्सपर्ट के अनुसार रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी खरीदना ज्यादा बेहतर है, इसके लिए आपको थोड़े पैसे ज्यादा देने होंगे लेकिन आप कई तरह के जोखिम से बचे रहेंगे।

क्या घर खरीदना चाहिए या किराए पर बने रना चाहिए?
यह एक सदाबहार बहस है। एक घर खरीदने का मतलब है कि आपकी बचत का एक बड़ा हिस्सा ऐसी संपत्ति में फंस जाएगा जो तरल नहीं है। यदि आप किराए पर रहते हैं, तो आपके हाथों में अधिक तरलता हो सकती है और शेष राशि को निवेश भी कर सकते हैं। वहीं यह कई और चीजों पर भी निर्भरता करता है। जैसे अगर आपकी जॉब ट्रांसफरेबल है तो आपका घर खरीदने का कोई मतलब नहीं है। ऐसे में आप रेंटल होने का विचार कर सकते हैं। घर खरीदने के बारे में तब सोच सकते हैं जब आप पक्का मन बना लें कि आप इस राज्य या शहर को छोड़कर कभी नहीं जाएंगे।

क्या यह रियल एस्टेट में निवेश करने का अच्छा समय है?
कई स्थानों पर कीमतों में सुधार देखने के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि अगर प्रॉपर्टी में निवेश कर उसे किराए पर दिया जाए तो ज्यादा कमाई हो सकती है, लेकिन एक्सपर्ट का मानना कुछ अलग है। विशेषज्ञों का कहना है कि आवासीय अचल संपत्ति से किराए की आमदनी काफी कम है। ऐसे में इस ख्याल से प्रॉपर्टी में निवेश करना काफी गलत है। वहीं दूसरी ओर कोविड 19 में किराया भी काफी कम हो गया है। इसमें 25 से 30 फीसदी कमी देखने को मिली है। ऐसे में निवेश के लिए आपको फिक्स्ड डिपोजिट या फिर दूसरे एसेट क्लास की ओर से रुख करना चाहिए आपको अच्छा रिटर्न भी मिलेगा।
 


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jyoti choudhary

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