International women's day 2019ः नारी एक रूप अनेक

punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2019 - 04:08 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
प्राचीन समय से ही अगर देखा जाए तो नारी को बहुत सम्मान दिया जाता है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि जहां नारी का सम्मान होता है वहीं देवता निवास करते हैं। लेकिन अगर आज के समय में देखा जाए तो हालात वैसे नहीं हैं। आज नारी को हर जगह अपमान झेलना पड़ता है। उसे एक भोग की वस्तु समझा जाता है और उसकी इज्जत के साथ खेला जाता है और यह बहुत ही चिंता वाली बात है। तो आज के समय में नारी को सम्मान कैसे दिया जाए, इस बात पर विचार करना बेहद जरूरी हो गया है। 
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मां अर्थात माता के रूप में नारी यानि जननी। शास्त्रों में मां के रूप को भगवान से भी बढ़कर माना गया है। क्योंकि एक नारी ही है जो जन्मदात्री कहलाती है। लेकिन जन्म देने वाली माता के रूप में नारी का सम्मान अनिवार्य रूप से होना चाहिए, जो वर्तमान में कम हो गया है। यह तो हम सभी बचपन से सुनते चले आ रहे हैं कि बच्चों की प्रथम गुरु मां ही होती है। बच्चों में संस्कार भरने का काम मां के रूप में नारी द्वारा ही किया जाता है। अगर आज के समय में देखा जाए तो हर क्षेत्र में लड़कियां बाजी मार रही हैं। फिर चाहे कोई भी फील्ड हो वे किसी भी लड़के से कम नहीं हैं। इनकी इन्हीं प्रतिभा का सम्मान करना चाहिए।   
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शादी के बाद की बात की जाए तो औरत पर पहले से ज्यादा जिम्मेदारी आ जाती है। पति, सास-ससुर, देवर-ननद की सेवा के पश्चात उनके पास अपने लिए समय ही नहीं बचता और जब बच्चा हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इन सब के बावजूद भी वह सबको संभाल के रखती है। परिवार के प्रति उनका यह त्याग उन्हें सम्मान का अधि‍कारी बनाता है।
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लेकिन आज के समय में अगर देखा जाए तो नारी पर बहुत ही ज्यादा अत्याचार हो रहा है। हम लोग रोज़ टीवी और अखबारों में पड़ते आ रहे हैं कि औरतों के साथ कितना दुराचार व्यवहार किया जा रहा है। शायद ही कोई दिन जाता हो, जब महिलाओं के साथ की गई अभद्रता पर समाचार न हो। नारी के सम्मान और उसकी अस्मिता की रक्षा के लिए इस पर विचार करना बेहद जरूरी है, साथ ही उसके सम्मान और अस्मिता की रक्षा करना भी जरूरी है। इसके लिए पहले तो लोगों को जागरूक होना जरूरी है कि औरत की पहचान उसके कपड़ों से नहीं बल्कि उसके चरित्र से होती है। कई लोगों का मानना है कि आज के समय में लड़कियां ऐसे कपड़े पहनती हैं इसलिए उनके साथ ऐसे दुष्कर्म होते हैं। लेकिन ये बात गलत है, इसके लिए पहले समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। 
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देवी अहिल्याबाई होलकर, मदर टेरेसा, इला भट्ट, महादेवी वर्मा, राजकुमारी अमृत कौर, अरुणा आसफ अली, सुचेता कृपलानी और कस्तूरबा गांधी आदि जैसी कुछ प्रसिद्ध महिलाओं ने अपने मन-वचन व कर्म से सारे जग-संसार में अपना नाम रोशन किया है। इंदिरा गांधी ने अपने दृढ़-संकल्प के बल पर भारत व विश्व राजनीति को प्रभावित किया है। उन्हें लौह-महिला यूं ही नहीं कहा जाता है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी, दुर्गा व लक्ष्मी आदि का यथोचित सम्मान दिया गया है अत: उसे वही सम्मान दिया जाना चाहिए। 
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