रैनबैक्सी विवाद, मालविन्द्र का आरोप बाबाजी ने रियल एस्टेट और बंगले में लगाया कंपनी का पैसा

punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2019 - 12:28 PM (IST)

नई दिल्लीः फोर्टिस हैल्थकेयर के पूर्व संस्थापक मालविन्द्र सिंह द्वारा फरवरी महीने में दिल्ली स्थित गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एस.एफ.आई.ओ.) में दी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रैनबैक्सी लैबोरेटरीज लिमिटेड को बेचे जाने से प्राप्त राशि का कुछ हिस्सा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आध्यात्मिक गुरु गुरिन्द्र सिंह ढिल्लों द्वारा रियल एस्टेट में इस्तेमाल किया गया है। 

मालविन्द्र ने बाबाजी पर लगाया आरोप
मालविन्द्र सिंह ने अपनी शिकायत में कहा है कि आर.एच.सी. प्राइवेट लिमिटेड (मालविन्द्र सिंह और शिवेन्द्र सिंह के नियंत्रण वाली कंपनी) द्वारा ढिल्लों परिवार के सदस्यों और उनके सहयोगियों व अन्य को 5,482 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया था। इसमें से अधिकांश राशि बंगले, फार्म हाऊसिस और इमारतें खरीदने पर खर्च की गई है। 

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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ढिल्लों (बाबाजी) द्वारा दिल्ली में वाल मॉल के पास 2,60,000 स्क्वेयर फीट जमीन, अहमदाबाद में 80,000 स्क्वेयर फीट जमीन और नोएडा में 5,00,000 स्क्वेयर फीट जमीन, असोला में 3 फार्म हाऊस और गुडग़ांव में 20 एकड़ जमीन खरीदने सहित बड़ी राशि कमर्शियल प्रॉपर्टीज में निवेश की गई है। 

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लूथरा एंड लूथरा द्वारा सिंह भाईयों पर वित्तीय फंड के दुरुपयोग का आरोप 
फोर्टिस हैल्थकेयर की किताबों की जांच कर रही फर्म लूथरा एंड लूथरा द्वारा मालविन्द्र सिंह और उनके भाई पर वित्तीय फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। बताया गया है कि आर.एच.सी. की सहायक कंपनियों ने प्रियस एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड जिसकी मलकीयत पहले ढिल्लों की पत्नी शबनम ढिल्लों और उनके नजदीकी सहायक युवराज नारायण गोरवानी के पास थी, को फंड उधार दिया था। 

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यही फर्म बाद में ढिल्लों के विश्वासपात्र राजवीर सिंह और गुरप्रीत सोढी द्वारा खरीदी गई। अब इसकी मलकीयत जामुन ट्री और ग्रेस ट्रस्ट के पास है। जब यह राशि आर.एच.सी. से प्रियस रीयल एस्टेट के पास गई तब यह फर्म ढिल्लों परिवार की मलकीयत बन गई थी और सारे फैसले सुनील गोडवानी द्वारा सीधे तौर पर लिए गए जोकि आर.एच.सी. का संचालन करते थे। यह बात दोनों भाइयों के एक करीबी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताई। 

2,500 करोड़ रुपए फोर्टिस में किए निवेश
अपनी शिकायत में ई-मेल सांझा करते हुए सिंह ने बताया कि दोनों भाइयों ने ढिल्लों (राधा स्वामी), उनकी संस्थाओं और परिवार को फाइनैंसिल एडवांस दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस वित्तीय मामले को सुलझाने को लेकर कई बार ढिल्लों के पास भी गए। 12 जुलाई 2018 की एक ई-मेल अनुसार सिंह बंधुओं ने 2008 में रैनबैक्सी सेल से प्राप्त 6,500 करोड़ रुपए में से 2,500 करोड़ रुपए फोर्टिस में इनवैस्ट किए थे, जबकि बाकी राशि ढिल्लों के निर्देश पर गोडवानी को दी गई थी। 

सिंह ने अपनी ई-मेल में समाचार पत्र से कहा है कि आज हमारा अस्तित्व पूरी तरह से आपके समर्थन पर निर्भर है। उन्होंने कहा, ‘‘10 साल से भी कम समय में न केवल सभी समूह गायब हो गए, बल्कि उन पर 10,000 करोड़ रुपए की देनदारियां खड़ी हो गईं।’’ ढिल्लों (राधा स्वामी) द्वारा ई-मेल के प्रश्नों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।


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jyoti choudhary

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