दिग्विजय का PM मोदी को चैलेंज, कांग्रेस की सभा में गूंजे मोदी-मोदी के नारे, पढ़िए 6 मार्च की बड़ी खब

3/6/2019 6:24:20 PM

 भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आतंकी हमले को दुर्घटना बताए जाने वाले बयान पर कायम हैं। मंगलवार को उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले को ट्वीट कर 'दुर्घटना' करार दिया था। जिसके बाद भाजपा ने दिग्विजय पर जमकर हमला बोला। धार दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चुहान समेत कई भाजपा नेताओं ने दिग्विजय पर निशाना साधा था। इस पूरे विवाद के बाद भी दिग्विजय अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए यह भी कहा है कि 'अगर उनमें हिम्मत है तो उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएं'। एयर स्ट्राइक के बाद पीएम मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। जिसका अलर मंदसौर में कांग्रेस की किसान सम्मान यात्रा के कार्यक्रम दौरान देखने को मिला। जहां कांग्रेस सभा में मोदी -मोदी और अबकी बार मोदी सरकार के नारे लगे।  नारे सुनते ही कांग्रेसी भड़क उठे और उनकी कार्यक्रम में आए किसानों से तीखी नोंक झोंक हो गई। बात इतनी बढ़ी की कांग्रेसी और किसान हाथापाई पर उतर आए, आखिरकार बीच बचाव के लिए पुलिस को आगे आना पड़ा। घटनाक्रम के बाद से ही कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है। 

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पढ़िए आज की बड़ी खबरें

  • दिग्विजय की PM मोदी को चुनौती- साहस है तो देशद्रोह का मुकदमा दायर करके दिखाएं
    लोकसभा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आतंकी हमले को दुर्घटना बताए जाने वाले बयान पर कायम हैं। मंगलवार को उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले को ट्वीट कर 'दुर्घटना' करार दिया था। जिसके बाद भाजपा ने दिग्विजय पर जमकर हमला बोला। धार दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चुहान समेत कई भाजपा नेताओं ने दिग्विजय पर निशाना साधा था। इस पूरे विवाद के बाद भी दिग्विजय अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए यह भी कहा है कि 'अगर उनमें हिम्मत है तो उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएं'।

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  • MP में एक बार फिर कांग्रेस की सभा में गूंजे मोदी-मोदी के नारे, मचा हड़कंप
    एयर स्ट्राइक के बाद पीएम मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। जिसका अलर मंदसौर में कांग्रेस की किसान सम्मान यात्रा के कार्यक्रम दौरान देखने को मिला। जहां कांग्रेस सभा में मोदी -मोदी और अबकी बार मोदी सरकार के नारे लगे।  नारे सुनते ही कांग्रेसी भड़क उठे और उनकी कार्यक्रम में आए किसानों से तीखी नोंक झोंक हो गई। बात इतनी बढ़ी की कांग्रेसी और किसान हाथापाई पर उतर आए, आखिरकार बीच बचाव के लिए पुलिस को आगे आना पड़ा। घटनाक्रम के बाद से ही कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है।

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  • पुलवामा अटैक को 'दुर्घटना' बताकर घिरे दिग्विजय, मंत्री ने दी सफाई
     और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री  दिग्विजय सिंह अभी भी अपने बयान पर कायम हैं। उधर, अब दिग्विजय को पार्टी के नेताओं का भी साथ मिलने लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कमलनाथ सरकार में मंत्री गोविंद सिंह ने बचाव करते हुए कहा है कि दिग्विजय ने जब भी कोई बात कही है, वह बात अंत में सही निकली है।

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  • Video: PM मोदी CRPF के जवानों को शहीद का दर्जा दें -ज्योतिरादित्य सिंधिया
    कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को शिवपुरी में 202 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करने पहुंचे। पॉटरीज की जमीन पर औपचारिक पूजन के बाद भगवत सहाय सभागार में भूमिपूजन कार्यक्रम रखा गया था। जहां उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर पीएम मोदी को आड़े हाथो लिया।

     

  • MP : विधायकों को टिकट देने से किया इंकार, अब बेटे -पत्नी के लिए ठोकी दावेदारी
    लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में तैयारियों जोरों पर चल रही है। टिकटों को लेकर जमकर मंथन किया जा रहा है। कई नामों पर सहमति बन चुकी है और बाकी नामों पर अगली स्क्रीनिंग कमेटी मे चर्चा होना है। वही पार्टी द्वारा विधायकों को टिकट ना दिए जाने के ऐलान के बाद अब विधायकों ने बेटे-पत्नी के लिए टिकट मांगना शुरु कर दिया है। लोकसभा चुना में कांग्रेस के तीन विधायकों ने अपनी पत्नी और बेटे के लिए टिकट की मांग की है। हालांकि राजस्थान में पार्टी ने राज्यसभा सदस्य, विधायक, विस चुनाव हारे नेता और नेताओं के परिजनों को लोकसभा चुनाव में टिकट देने से इंकार कर दिया है, ऐसे में माना जा रहा है एमपी में भी इसी फॉर्मूले को लागू किया जा सकता है।


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  • MP में भूमिपूजन पर सियासत: शिवराज बोले- हमारा जूठन खा रही है कांग्रेस सरकार
    लोकसभा चुनाव से पहले विकास कार्यों का श्रेय लेने के लिए भोपाल से लेकर ग्वालियर तक नेताओं में होड़ मची हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार नए कार्य स्वीकृत नहीं करा पा रही। हमारा जूठन खा रही है। शिवराज ने कहा कि 'कमलनाथ सरकार भाजपा शासन में हुए विकास कार्यों का दोबारा लोकार्पण और शिलान्यास कराने में जुटी हुई है'। उधर, भाजपा के वरिष्ठ विधायक व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपने विधायकों से कहा कि 'वे विकास कार्यों का खुलकर लोकार्पण करें। भूमिपूजन करें। यह उनका अधिकार है। यदि भाजपा विधायकों के साथ गलत व्यवहार होता है तो सड़कों पर उतरकर खुला विरोध करेंगे'। 

     

  • सीएम का शिवराज पर वार, बोले- BJP ने खजाना खाली किया हमने फिर भी वादा पूरा किया
    मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ विदिशा दौरे पर पहुंचे। जहां पर वो एसएटीआई कॉलेज में आयोजित कर्जमाफी कार्यक्रम में शामिल हुए और लाभान्वित किसानों को कर्जमाफी के प्रमाणपत्र बांटे।  इसके अलावा सीएम कमलनाथ ने विदिशा जिले में बनने वाली 36 गौशालाओं का भूमिपूजन किया और गंजबासौदा-सिरोंज सीसी रोड का लोकार्पण भी किया।

     

  • स्वच्छता सर्वेक्षण 2019: स्वच्छता में इंदौर ने लगाई हैट्रिक, भोपाल सबसे साफ राजधानी
    स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के लिए देश के सबसे स्वच्छ शहरों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। इस बार देश के सबसे स्वच्छ शहर, सबसे स्वच्छ राजधानी और 10 लाख की आबादी का सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड मध्य प्रदेश को मिला है। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर ने जहां स्वच्छता सर्वे में फिर हैट्रिक लगाई है। वहीं भोपाल को सबसे स्वच्छ राजधानियों में पहला स्थान मिला है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन ने भी बाजी मारी है।

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  • कमलनाथ की दो टूक-मंत्रालय से नहीं, पंचायतों से चलती है सरकार, योजनाओं का करवाए सर्वे
    लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ एक्शन मोड में नजर आ रहे है। लगातार अधिकारियों को सोच और तरीके बदलने की नसीहत दी जा रही है।एक बार फिर योजनाओं के क्रियान्वयन को और बेहतर बनाने को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अफसरों को कड़े निर्देश दिए है। कमलनाथ ने बैठक में साफ कर दिया कि मध्यप्रदेश सरकार की तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन की बड़ी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत,जनपद पंचायत और जिला पंचायत की होती है। लिहाजा हर योजना को ईमानदारी के साथ जमीन पर उतारने का काम मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को करना है।

     

  • Video: ऐसे हैं MP के अतिथि शिक्षक, 17 का पहाड़ा भी नहीं आता
    मध्यप्रदेश में शिक्षा-व्यवस्था की पोल उस समय खुल गई जब एक अतिथि शिक्षक कलेक्टर जनसुनवाई में अपना आवेदन लेकर पहुंचा। पीडि़त अतिथि शिक्षक का आरोप था कि वह जिस विद्यालय में 7 वर्ष से पढ़ा रहा था । द्वेश भावना के कारण इस साल उसका चयन नहीं किया गया । काफी शोर-सिफारिस के बाद जब शिक्षक को नौकरी नहीं मिली तो उसने जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने बात रखने की ठान ली । लेकिन इसका अंजाम तो उसने सपने में भी न सोचा होगा। उसे क्या पता था कि नौकरी के सारे दरवाजे हमेशा के लिए बंद होने वाले है।


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  • कमलनाथ सरकार में तबादलों से खफा कांग्रेस विधायक, उठाए सवाल
    मध्यप्रदेश में 'वक्त है बदलाव' का नारा लेकर 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार इन दिनों एक ही काम को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में है और वो है तबादले। मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ के शपथ लेने के बाद सरकार की तबादला एक्सप्रेस ने जो रफ़्तार पकड़ी तो आज तक यह एक्सप्रेस निरंतर दौड़ रही है। रोजाना सूचियां जारी हो रही है, सैंकड़ों अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है और आगे भी यह क्रम जारी रहने वाला है।

     


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Vikas kumar

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