खुद मकान बनाने के लिए बिल्डर पर कब्जा चाहते हैं बायर्स

punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2019 - 12:13 PM (IST)

मुंबईः भारतीय कंपनियों का अधिग्रहण कर सकने वालों की लिस्ट में कर्मचारियों की सहकारी समितियां अपना नाम दर्ज करा ही चुकी हैं, अब पहली बार होमबायर्स भी कर्ज में डूबे प्रॉपर्टी डिवेलपर्स की कमान अपने हाथ में लेने की इच्छा जता रहे हैं। उनका दावा है कि इन प्रॉजेक्ट्स में उनका सबसे ज्यादा स्टेक है, जहां उनकी सेविंग्स का बड़ा हिस्सा लगा है। 

होम बायर्स की एक एसोसिएशन ने दिल्ली बेस्ड बिल्डर किंडल डिवेलपर्स को रिवाइव करने का एक रेजॉलुशन प्लान पेश किया है। किंडल डिवेलपर्स नोएडा में फ्लैट बायर्स से पैसा लेने के बाद उन्हें उनका घर डिलीवर नहीं कर सकी है। एसोसिएशन के इस कदम को संसद में अगस्त में पास किए गए बैंकरप्ट्सी बिल के एक बदलाव से मदद मिली है जिसके तहत होम बायर्स को सिक्यॉर्ड फाइनैंशल क्रेडिटर्स के बराबर दर्जा दिया गया था। 

पहली बार होम बायर्स ने सौंपा रेजॉलुशन प्लान 
बैंकरप्ट्सी के मामलों से जुड़ी दिल्ली की कंपनी एएए इन्सॉल्वंसी के फाउंडर अनिल गोयल ने कहा, 'बैंकरप्ट्सी कोड के तहत यह पहला मामला होगा, जिसमें होम बायर्स ने रेजॉलुशन प्लान सौंपा है।' उन्होंने कहा, 'रियल एस्टेट कंपनियों के सामने सबसे बड़ी समस्या साख के हवा हो जोन की है।' एएए इन्सॉल्वंसी के पार्टनर और रेजॉलुशन प्रफेशनल काशी विश्वनाथन शिवरामन को भेजी गई ईमेल का जवाब नहीं आया। दिल्ली में एनसीएलटी की प्रिंसिपल बेंच ने यह मामला पिछले साल 9 मार्च को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था। 

नहीं हुई 700 अपार्टमेंट्स की डिलिवरी 
बिल्डर को नोएडा सेक्टर 79 में अपने शुभकामना लॉर्ड्स रेजिडेंशल प्रॉजेक्ट में 700 अपार्टमेंट्स डिलीवर करने थे। प्रॉजेक्ट की अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपए थी। हालांकि नोएडा अथॉरिटी ने प्रॉजेक्ट कैंसल कर दिया और 70 करोड़ रुपए के डिफॉल्ट चार्जेज का दावा कर दिया। यह लायबिलिटी भी इन्सॉल्वंसी प्रोसीडिंग्स का हिस्सा है। एक एग्जिक्युटिव ने कहा, 'असोसिएशन ने अपने रेजॉलुशन प्लान में प्रस्ताव रखा है कि वह होम बायर्स से बाकी पेमेंट पाने के बाद यह प्रॉजेक्ट खुद पूरा कर देगी। बायर्स इस असोसिएशन के मेंबर ही हैं।' 


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jyoti choudhary

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