Mahashivratri 2019 : शिव-पार्वती मिलकर करेंगे आपके दुखों का सफ़ाया

punjabkesari.in Monday, Mar 04, 2019 - 12:33 PM (IST)

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वैसे तो साल के हर माह में मासिक शिवरात्रि पड़ती है लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। शिवरात्रि की तरह ये पर्व भी भोलेनाथ को ही समर्पित है। शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि पर्व की रात्रि का बेहद खास महत्व है क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान शंकर देवी पार्वती के साथ-साथ विवाह के बंधन में बंधे थे। यही कारण है कि इस दिन बाबा भोले की पूजा करने का विशेष महत्व है। 
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शिव भक्तों का सबसे बड़ा त्यौहार-
कहा जाता है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्दशी की रात्रि देवों के देव महादेव की साधना के लिए बहुत शुभ मानी जाती है।

ईशान संहिता में कहा गया है कि 
‘फाल्गुनकृष्णचर्तुदश्याम् आदि देवो महानिशि। 
शिवलिंगतयोद्भुत: कोटिसूर्यसमप्रभ:। 
तत्कालव्यापिनी ग्राह्या शिवरात्रिव्रते तिथि:।’
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अर्थात- फाल्गुन चतुर्दशी की मध्यरात्रि में आदिदेव भगवान शंकर लिंगरूप में अमिट प्रभा के साथ उद्भूत हुए। 
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इस रात को कालरात्रि और सिद्धि की रात भी कहा जाता ह है। यही कारण है कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व को शिव भक्त बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं और पूरी रात इनका पूजन और कीर्तन करते हैं।

पौराणिक महत्व
कुछ पौराणिक मान्यता के अनुसार इस महा रात्रि यानि महाशिवरात्रि को शिव ने संरक्षण और विनाश का सृजन किया था। इसके साथ ही ये मान्यता भी प्रचलित है कि इसी पावन दिन भोलेनाथ और देवी गौरी का शुभ विवाह संपन्न हुआ था।
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शिव नाथ से मिलता है मौक्ष का आशीर्वाद
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शिव जी और इनकी अर्धांगिनी देवी पार्वती को सृष्टि में भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा से जातक को मोक्ष व मुक्ति की रात्रि भी कहा जाता है।
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Jyoti

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