बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान, गडकरी ने किया 3 नदियों का पानी रोकने का ऐलान(Video)
punjabkesari.in Thursday, Feb 21, 2019 - 06:54 PM (IST)
नेशनल डेस्क: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया हुआ है। भारत उसके खिलाफ सख्त कूटनीतिक संदेश देने की रणनीति तैयार कर रहा है। वहीं इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया कि भारत के अधिकार वाली तीनों नदियों का पानी अब पाकिस्तान से रोककर यमुना में लाया जाएगा। इसके लिए भारत के अधिकार वाली तीन नदियों के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है।
#WATCH Union Minister Nitin Gadkari says,"Bharat aur Pakistan hone ke baad, jo humari 3 nadiyan Pakistan ko mili thi aur 3 Bharat ko mili thi. Humare teen nadiyon ke adhikar ka paani Pak mein ja raha tha, ab uss par 3 project karke yeh paani bhi Yamuna mein wapas la rahe hain." pic.twitter.com/w6EfYi3cGg
— ANI (@ANI) February 21, 2019
नितिन गडकरी ने वीरवार को कहा कि बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान को तीन-तीन नदियों के पानी के इस्तेमाल की अनुमति मिली थी। इस समझौते के बावजूद भारत के कोटे में आई तीन नदियों ब्यास, रावी और सतलुज का पानी अब तक पाकिस्तान में प्रवाहित हो रहा था। अब हमने इन तीनों नदियों पर प्रॉजेक्ट्स का निर्माण कराया है, जिनकी मदद से अब इन नदियों का पानी यमुना नदी में डायवर्ट किया जाएगा। एक बार जब यह काम शुरू हो जाएगा तो इससे यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि भी हो सकेगी। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में भी इसकी जानकरी दी।
क्या है सिंधु जल संधि
सिंधु जलसंधि 19 सितंबर 1960 को हुई थी। इस पर भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान ने हस्ताक्षर किये थे। संधि के मुताबिक सिंधु नदी बेसिन में बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी दो हिस्सों में बांटा गया। पूर्वी हिस्से में बहने वाली नदियों सतलुज, रावी और ब्यास के पानी पर भारत का पूर्ण अधिकार है, लेकिन पश्चिमी हिस्से में बह रही सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी का भारत सीमित इस्तेमाल कर सकता है। संधि के मुताबिक भारत इन नदियों के पानी का कुल 20 प्रतिशत पानी ही रोक सकता है। वह चाहे तो इन नदियों पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बना सकता है, लेकिन उसे रन ऑफ द रिवर प्रोजेक्ट ही बनाने होंगे, जिनके तहत पानी को रोका नहीं जाता. भारत कृषि के लिए भी इन नदियों का इस्तेमाल कर सकता है।
पाकिस्तान को पड़ेगा कितना फर्क
सिंधु दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। इसकी लंबाई 3000 किलोमीटर से अधिक है यानी ये गंगा नदी से भी बड़ी नदी है। सहायक नदियों चिनाब, झेलम, ससतलुज, राबी और ब्यास के साथ इसका संगम पाकिस्तान में होता है। पाकिस्तान के दो-तिहाई हिस्से में सिंधु और उसकी सहायक नदियां आती हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान की 3 करोड़ एकड़ ज़मीन की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। अगर भारत पानी रोक दे तो पाक में पानी संकट पैदा हो जाएगा, खेती और जलविधुत बुरी तरह प्रभावित होंगे। सिंधु नदी बेसिन करीब साढ़े ग्यारह लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है। यानी उत्तर प्रदेश जैसे 4 राज्य इसमें समा सकते हैं। सिंधु और सतलुज नदी का उद्गम स्थल चीन में है, जबकि बाकी चार नदियां भारत में ही निकलती हैं। सभी नदियों के साथ मिलते हुए विराट सिंधु नदी कराची के पास अरब सागर में गिरती है।