भारत ने पाक को दिया आर्थिक झटका,वीरान हुई IPC अटारी बार्डर

punjabkesari.in Tuesday, Feb 19, 2019 - 03:35 PM (IST)

अमृतसर (नीरज): पुलवामा आतंकी हमले के बाद केन्द्र सरकार की तरफ से पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं पर 200 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगाए जाने के दो दिनों में ही आई.सी.पी. (इंटैग्रेटेड चैक पोस्ट) अटारी वीरान नजर आ रही है। यह वही आई.सी.पी. अटारी बार्डर है जहां रात दिन ट्रकों का आवागमन रहता था और हजारों की संख्या में यहां पर कुली पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं की लोडिंग व अनलोडिंग करते नजर आते थे, लेकिन वित्त मंत्रालय के आदेशों को आई.सी.पी. पर इतना बड़ा झटका लगा कि यहां आने वाले दिनों में उल्लू बोलते नजर आएंगे।  सोमवार के दिन आई.सी.पी. अटारी पर पाकिस्तान से एक भी ट्रक नहीं आया क्योंकि किसी भी व्यापारी ने पाकिस्तान से कोई आयात ही नहीं किया।

 हां अफगानिस्तान से 4 ट्रक ड्राईफ्रूट जरूर आए, क्योंकि इन पर भारत सरकार की तरफ से 200 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई गई है। अफगानिस्तान से आयात किए जाने वाली वस्तुओं के मामले में भी सूचना मिल रही है कि पाकिस्तान आने वाले दिनों में अफगानिस्तान से आई.सी.पी. अटारी की तरफ जाने वाले ट्रकों को रास्ता देना बंद कर सकता है।  हालांकि साफ्टा समझौते के तहत पाकिस्तान ऐसा कर नहीं सकता है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार पाकिस्तान अफगानिस्तान से आई.सी.पी. अटारी की तरफ जाने वाले ट्रकों को रास्ता देने के लिए बाध्य है लेकिन पाकिस्तान की नीयत साफ नहीं है और नापाक नीयत वाला पाकिस्तान भारतीय व्यापारियों को नुक्सान पहुंचाने के लिए कुछ भी कर सकता है। 

यह भी पता चला है कि पाकिस्तान सरकार भी भारत से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर भारी भरकम कस्टम ड्यूटी लगाने जा रही है ताकि भारतीय व्यापारी भी पाकिस्तान को किसी प्रकार का एक्सपोर्ट न कर सकें। हालांकि पाकिस्तान की नापाक साजिशों के चलते पाकिस्तान को भारत की तरफ से आई.सी.पी. अटारी के रास्ते किया जाने वाला एक्सपोर्ट मौजूदा समय में 25 प्रतिशत ही बचा है। सोमवार को भी आई.सी.पी. के रास्ते सिर्फ 4 ट्रक प्लास्टिक दाना व प्लास्टिक यार्न पाकिस्तान को एक्सपोर्ट किए गए।

वहीं भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान पर व्यापारिक सर्जिकल स्ट्राइक नकारात्मक असर सबसे पहले अपने ही व्यापारियों पर पड़ता नजर आ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वैसे तो तकरीबन सभी व्यापारियों का लगभग 100 करोड़ रुपया एडवांस के रूप में पाकिस्तान में फंसा हुआ है लेकिन एक व्यापारी का तो 15 करोड़ रुपया पाकिस्तान में फंस गया है जिसकी वापिस आने की उम्मीद बिल्कुल शून्य नजर आ रही है। पता चला है कि व्यापारी बैंकों से कर्ज लेकर अपना कारोबार चला रहा था जिसको भारत सरकार की तरफ से लिए गए निर्णय ने एक ही दिन में भारी आर्थिक क्षति पहुंचा दी है।

दिसम्बर 2001 में संसद पर हमले के बाद भी बंद हुआ था आयात-निर्यात

भारत व पाकिस्तान के बीच कारोबारी रिश्तों पर ब्रेक लगने की बात करें तो 13 दिसम्बर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की तरफ से दिल्ली स्थित संसद पर किए गए हमले के बाद भी दोनों देशों के बीच आयात निर्यात बंद हो गया था। अटारी वाघा बार्डर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रैस जो 1976 में शुरू हुई थी व पाकिस्तान से आने वाली मालगाड़ी भी बंद कर दी गई थी क्योंकि उस समय आई.सी.पी. अटारी नहीं थी और दोनों देशों के बीच रेल मार्ग के जरिए ही वस्तुओं का आयात निर्यात होता था। इसके बाद 1 जनवरी 2004 में जाकर फिर से समझौता एक्सप्रैस शुरू हुई और रेल मार्ग के जरिए वस्तुओं का आयात-निर्यात शुरू किया गया। 

सफेद हाथी बनकर रह जाएगी 400 करोड़ की लागत से तैयार आई.सी.पी.
भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान के साथ कारोबारी समझौता रद्द किए जाने से पाकिस्तान के व्यापारियों पर इसका क्या असर पड़ता है इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योंकि चीन, पाकिस्तान को व्यापार में भी पूरी मदद कर रहा है लेकिन भारतीय खेमें अरबों रुपयों का नुक्सान होना तय नजर आ रहा है। आई.सी.पी. अटारी बार्डर जिसको 13 अप्रैल 2012 के दिन शुरू किया गया था इसकी बात करें तो लगभग 200 एकड़ जमीन पर 400 करोड़ की लागत से तैयार की गई देश की पहली आई.सी.पी. आयात-निर्यात बंद होने के चलते सफेद हाथी बनकर रह जाएगी। इतनी बड़ी आई.सी.पी. पर यदि कोई काम ही नहीं होगा तो फिर इस आई.सी.पी. के क्या मायने रह जाएंगे। 

इतना ही नहीं आई.सी.पी. की सुरक्षा को लेकर भी भारत सरकार की तरफ से आई.सी.पी. पर बी.एस.एफ. के 500 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं ताकि आई.सी.पी. पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने से बचा जा सके। इन जवानों की रिहायश के लिए हाल ही में 25 करोड़ रुपए की लागत से आई.सी.पी. के अन्दर ही एक रैजीडैंशियल कंप्लैक्स का भी निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है जिसको दिसम्बर 2019 तक पूरा किया जाना है। इसके अलावा पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं की चैकिंग करने के लिए आई.सी.पी. पर करोड़ों रुपयों की लागत से ट्रक स्कैनर लगाने का काम भी चल रहा है जो आई.सी.पी. बंद होने के कारण यह प्रौजैक्ट रूक सकते हैं।  


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