पुलवामा हमला: 2 साल में 6 बार हिरासत में लिया गया था आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार

punjabkesari.in Monday, Feb 18, 2019 - 10:31 AM (IST)

जम्मू (उदय): जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाला जैश-ए-मोहम्मद आतंकी आदिल अहमद डार सितम्बर 2016 से मार्च 2018 के बीच 6 बार पत्थरबाजी और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोयबा की मदद के आरोप में हिरासत में लिया गया था। हालांकि हर बार आदिल अहमद को बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया गया। आई.बी. और पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक पुलवामा जिले के गुंडीबाग गांव का रहने वाला आदिल 2 साल के अंदर 6 बार हिरासत में लिया गया, जो दर्शाता है कि वह एक ऐसा शख्स था जिस पर सुरक्षा एजैंसियों को नजर रखने की जरूरत थी। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या खुफिया खामियों और राजनीतिज्ञों की वजह से वह सुरक्षा एजैंसियों की नजर से बचने में सफल रहा?

पुलवामा के पुलिस अधिकारी ने बताया कि आदिल ने वर्ष 2016 में एक ओवर ग्राऊंड वर्कर के रूप में काम करना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि आदिल लश्कर आतंकियों की छिपने में मदद करता था। उन्होंने बताया कि आदिल के परिवार के कुछ सदस्यों के आतंकवादियों के साथ संबंध हैं। अधिकारी ने कहा कि आदिल के जैश से जुडऩे से पहले हमने उसे सुरक्षा बलों पर पत्थर फैंकने के आरोप में 2 बार हिरासत में लिया था। इसके अलावा लश्कर आतंकियों को सहयोग देने के आरोप में उसे 4 बार हिरासत में लिया गया था। वहीं जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया है कि जांच टीम गुरुग्राम में ऑटोमोबाइल निर्माता मारुति सुजूकी कंपनी से मदद लेगी। वह मारुति से उस कार के बारे में जानकारी जुटाएगी जिससे सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला किया गया था।

कामरान और अब्दुल राशिद के नाम से भी जाना जाता था आदिल
आई.बी. अधिकारी ने कहा कि आदिल ने सुरक्षा बलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था, जिसमें वह घायल हो गया था। आदिल मंजूर से बहुत ज्यादा प्रभावित था और मंजूर की मौत के बाद वह आतंकवादियों के साथ मिल गया। उन्होंने कहा कि एक शीर्ष लश्कर कमांडर के साथ मंजूर की मौत के बाद आदिल अपने गृह कस्बे से लापता हो गया। उसे और कुछ अन्य स्थानीय युवकों को पाकिस्तान के जैश कमांडर ओमर हाफिज ने ट्रेनिंग दी। उसे कामरान और अब्दुल राशिद के नाम से भी जाना जाता था।


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Seema Sharma

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