पुलवामा आतंकी हमला: 22 दिन पहले ही पिता बने थे शहीद तिलक राज, 2 दिन पहले ज्वाइन की थी ड्यूटी

punjabkesari.in Friday, Feb 15, 2019 - 01:10 PM (IST)

कांगड़ा: जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए हिमाचल के जवान के घर मातम पसरा हुआ है। ज्वाली की नाना पंचायत के धारकला गांव के शहीद जवान तिलक राज को ये आतंकी हमला ताउम्र ना भूलने वाला जख्म दे गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है। 2 जून 1988 को कांगड़ा के ज्वाली के देवा गांव में जन्मे तिलक राज 26 मार्च 2011 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में भर्ती हुए थे।
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तिलक राज की शहादत की खबर से हिमाचल प्रदेश के अलावा, कांगड़ा जिले और उनके पैतृक गांव के लोग सदमे में हैं। 32 साल के तिलक राज का शव शुक्रवार को घर पहुंचने की उम्मीद है। प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने तिलक राज के निधन पर शोक जताया है। बजट सत्र के बाद राजभवन में राज्यपाल की ओर से विधायकों को दिया जाने वाला भोज भी रद्द कर दिया है। 
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22 दिन पहले ही पिता बने थे शहीद

बता दें कि जनवरी के महीने में ही शहीद की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था। जिसके सिर से जन्म के 22 दिन के अंदर ही उसके पिता का साया उठ गया। चार दिन पहले 11 फरवरी को ही छुट्टियां काट कर तिलक राज ड्यूटी गया था। ज्वाली के देवा गांव निवासी शहीद तिलक राज शानू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। तिलक वीर सैनिक के साथ-साथ लोक कलाकार भी था। उसको कबड्डी खेल में भी महारत हासिल थी। अक्सर ड्यूटी से छुट्टी आकर घर में पहाड़ी गानों की रिकॉर्डिंग करता था। ‘प्यारी मोनिका’ के अलावा, कई पहाड़ी गाने तिलक राज ने गाए हैं।
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अंतिम गाना नहीं कर पाए रिलीज

पत्नी की डिलीवरी की वजह से तिलक राज अपना अंतिम गाना रिलीज नहीं कर पाए। उनके ‘मेरा सिधू बड़ा शराबी’, ‘प्यारी मोनिका, नीलमा गद्दन और जैसे गानें काफी चर्चित रहे हैं। इस बार भी वह अपना लिखा गाना रिलीज करना चाहते थे, लेकिन लेकिन पत्नी की डिलीवरी के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए और शहीद हो गए।
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Ekta

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